
फोन बनाने वाली कंपनी एप्पल ने एक ऐसा मुकादमा दर्ज किया है, जो उसने केवल अपनी साख को ध्यान में रखते हुए किया है. यह मुकदमा दर्ज हुआ है 'एप्पल सिनेमा' पर. सुनने में यह ऐसा ही लगता है जैसे यह एप्पल से जुड़ी कोई ऐप होगी या फिर उससे जुड़ा हुआ कोई सिनेमा ही होगा. अगर आपको भी सुनने में यह ऐसा ही लगा, तो ऐसा ही एप्पल को लगा है. यानी एक तरह से एप्पल का ट्रेडमार्क और उसके नाम की क्रेडिबिलिटी एप्पल सिनेमा को मिल सकती है.
दरअसल एप्पल सिनेमा यूएस में करीब 100 जगह अपने सिनेमा हाउस खोलने जा रहा है. इसमें सैन फ्रेंसिसको भी शामिल है. यह जगह एप्पल के क्यूपरटिनो हेडक्वाटर से केवल चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
क्या कहना है एप्पल का?
एप्पल का दावा है कि दोनों के नाम में समानता से ऐसा लग सकता है कि जैसे दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. खास तौर पर एप्पल को यह डर सता रहा है कि जिस तरह वह एंटरटेनमेंट के सेक्टर में कदम बढ़ा रहा है. यह समानता उसको नुकसान पहुंचा सकती है. यानी अभी तक एप्पल का बनाया हुआ जो बेस है उसका फायदा एप्पल सिनेमा को मिल सकता है.
क्या कहा लीगल केस में?
एप्पल ने एप्पल सिनेमा के उपर जो केस किया है, उसमें ट्रेडमार्क के साथ गलत तरीके से फायदा उठाने का आरोप लगाया है. साथ ही ब्रांड वैल्यू को भी नुकसान पहुंचाने की बात कही है. यह लीगल केस मैसाचुसेस्ट में दर्ज है.
कब वजूद में आया एप्पल सिनेमा?
एप्पल सिनेमा को 2010 में फाउंड कर दिया गया था और पहला थिएटर 2013 में खोला गया. लेकिन उस समय एप्पल ने कोई एक्शन नहीं लिया. लेकिन जैसे ही 2025 में वेस्ट की तरफ एप्पल सिनेमा ने अपने पैर पसारने शुरू किए और एप्पल स्टोर के नज़दीक अपने थिएटर खोले, एप्पल ने लीगल कदम उठा लिया. एप्पल का कहना है कि जिस प्रकार एप्पल सिनेमा एप्पल स्टोर और हब के पास थिएटर खोल रहा है, उससे ग्राहक के दिमाग में भ्रम पैदा होगा. इसकी वजह है दोनों के नाम की शुरुआत एप्पल शब्द से होना.
एप्पल सिनेमा को नहीं मिला पेटेंट
दरअसल एप्पल सिनेमा ने पहले यूएस पेटेंट एवं ट्रेडमार्क ऑफिस में 'एप्पल सिनेमा' और 'एप्पल सिनेमैटिक एक्सपीरियंस (ACX)' के पेटेंट के लिए आवेदन किया था. लेकिन दोनों ही आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया था. आवेदन रिजेक्ट करने की वजह बताई गई थी कि एप्पल के साथ नाम में समानता है.
ब्रांड पर पड़ रहा असर
अपनी शिकायत में एप्पल ने कहा है कि एप्पल सिनेमा जान बूझकर ऐसे नाम का इस्तेमाल कर रहा, जिससे उसे फायदा मिल सके. साथ ही एप्पल सिनेमा का मार्केटिंग का तरीका भी ऐसा है, जिससे लगे है एप्पल और एप्पल सिनेमा के बीच कुछ रिश्ता है. यहां तक की एप्पल की अपनी फिल्म एफ1 को एप्पल सिनेमा अपने थिएटर में दिखा रहा है, जिससे लग रहा है कि दोनों के बीच कुछ रिश्ता है. इस तरह की मार्केटिंग से एप्पल की मार्केट वैल्यू पर असर पड़ रहा है.