
डिजिटल दुनिया में चोरी से डेटा बेचने की खबरें खूब सुनी होंगी. लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश भी है, जहां आप खुद का डेटा बेच सकते हैं और उससे पैसा भी कमा सकते हैं. ब्राजील ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है. इसके लिए ब्राजील ने एक योजना शुरू की है. इसके तहत लोग अपना डेटा डिजिटल वॉलेट में जमा कर सकेंगे और उसे कंपनियों को बेचकर पैसा कमा सकेंगे.
क्या है डी वॉलेट योजना-
ब्राजील दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने अपने नागरिकों के लिए खुद का डेटा बेचने के लिए एक योजना शुरू की है. इस योजना को ब्राजील की सरकारी कंपनी डाटाप्रेव ने डेटा फर्म ड्रमवेव के साथ मिलकर शुरू किया है. इस योजना को डी वॉलेट नाम दिया गया है. इस योजना के तहत लोग अपनी जानकारी डिजिटल वॉलेट में जमा करेंगे और जब चाहें, कंपनियों को बेच सकेंगे. यह एक तरह का डेटा सेविंग अकाउंट है.
कैसे काम करेगी ये योजना-
जब ब्राजील का कोई नागरिक लोन, ऐप या वेबसाइट जैसी सेवाओं के लिए अपनी डेटा का इस्तेमाल करता है तो उसका डेटा डी-वॉलेट में जमा होगा. इसके बाद कंपनियां इस डेटा पर बोली लगाएंगी. इसके बाद अगर नागरिक इजाजत देता है तो कंपनियां इन डेटा का इस्तेमाल करेंगी और इसके बदले नागरिकों को पैसे देंगी.
हालांकि ये जरूरी नहीं है कि नागरिकों के लिए डेटा बेचना अनिवार्य है. अगर नागरिक अपना डेटा नहीं बेचना चाहेंगे तो वो ऐसा नहीं करेंगे. लेकिन जो नागरिक अपना डेटा बेचना चाहेंगे और पैसा कमाना चाहेंगे, वो ऐसा कर सकते हैं. ब्राजील की संसद इसके लिए एक कानून ला रही है, जिसे डेटा का प्राइवेट प्रॉपर्टी माना जाएगा.
सरकार को क्या होगा फायदा-
इस योजना को लागू होने से सरकार को भी फायदा होगा. सरकार को नागरिकों का डेटा इकट्ठा करने में मदद मिलेगी. सरकार इसका इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन जैसे क्षेत्रों में नीति निर्माण के लिए करेगी.
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसका फायदा-नुकसान दोनों है. डिजिटल साक्षरता की कमी की वजह से लोग डेटा बेचकर तात्कालिक फायदा उठा सकते हैं. लेकिन इससे उनके अधिकार खतरे में पड़ सकते हैं.
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