
अमेरिका के प्रतिष्ठित United States Botanic Garden में इन दिनों एक बेहद दुर्लभ और रहस्यमय फूल को देखने के लिए हजारों लोग लाइन में खड़े हैं. इस फूल का नाम है Amorphophallus Titanium, जिसे आम भाषा में 'कॉर्प्स फ्लावर' यानी लाश फूल कहा जाता है. इसका नाम सुनने में ही अजीब लगता है, लेकिन इसकी खासियत और गंध तो इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली है.
क्या है 'कॉर्प्स फ्लावर'?
कॉर्प्स फ्लावर को दुनिया के सबसे बड़े और सबसे दुर्गंधित फूलों में गिना जाता है. इसकी लंबाई 6 से 7 फीट तक हो सकती है, और यह फूल हर कुछ साल में केवल 1 से 3 दिन के लिए ही खिलता है. इस दौरान यह ऐसा दुर्गंध छोड़ता है, जो किसी सड़ती हुई लाश या मरे हुए जानवर जैसी होती है.
बॉटैनिक गार्डन के सीनियर कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट डेविन डॉटसन बताते हैं, “यह सच में बहुत बदबूदार होता है. और यही कारण है कि इसे ‘कॉर्प्स फ्लावर’ कहा जाता है- यह पूरी तरह एक सड़ती लाश की गंध जैसा अनुभव कराता है.”
क्यों छोड़ता है इतनी बदबू?
यह फूल ऐसा क्यों करता है, इसका एक वैज्ञानिक कारण है. फूल के अंदर मौजूद गर्मी के कारण यह गंध दूर तक फैलती है. इसकी दुर्गंध मक्खियों और गंध से आकर्षित होने वाले कीड़ों को बुलाने के लिए होती है, जो इसके प्राकृतिक परागण (pollination) में मदद करते हैं. यह फूल एक बेहद अनोखा उदाहरण है कि प्रकृति कैसे अपने तरीके से जीवों को आकर्षित करती है.
क्यों है इतना दुर्लभ?
विश्व भर में इस पौधे की संख्या 1,000 से भी कम रह गई है. यह मूल रूप से इंडोनेशिया के सुमात्रा के वर्षा वनों (Rain Forest) में पाया जाता है, लेकिन अब वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन के कारण इसकी संख्या लगातार घटती जा रही है.
अमेरिका में क्यों हो रहा है इतना क्रेज?
वाशिंगटन डीसी के यूनाइटेड स्टेट्स बॉटैनिक गार्डन में इस फूल को देखने के लिए रोजाना हजारों लोग आ रहे हैं. इसका मुख्य कारण है इसका अत्यंत दुर्लभ रूप से खिलना और उसका सिर्फ 48 से 72 घंटे तक रहना. लोग कतारों में खड़े होकर इसका सड़ा हुआ, मांस जैसा अनुभव लेना चाहते हैं- क्योंकि यह मौका जीवन में शायद सिर्फ एक बार ही मिलता है.
बॉटैनिक गार्डन के अनुसार, उनके पास ऐसे 35 कॉर्प्स फ्लावर हैं, जिनकी वे देखभाल कर रहे हैं. अगर यह प्रजाति जंगलों से विलुप्त हो जाती है, तो इन्हीं पौधों की मदद से इसे दोबारा जंगल में बसाया जा सकता है. यह प्रयास न केवल जैव विविधता को बचाने में मददगार है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रकृति की अद्भुतता का परिचय भी कराता है.
डेविन डॉटसन कहते हैं, “हमारा उद्देश्य सिर्फ इन्हें दिखाना नहीं है, बल्कि इनका संरक्षण करना है ताकि हम इन फूलों को भविष्य में फिर से जंगलों में लौटा सकें.”