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Best Milk in diabetes: गाय, भैंस या बकरी का दूध… डायबिटीज मरीजों के लिए कौन सा है सबसे फायदेमंद?

करी का दूध, जिसे आयुर्वेद में अजाक्षीर कहा जाता है, डायबिटीज मरीजों के लिए सबसे फायदेमंद माना जाता है. यह हल्का, सुपाच्य, और कम लैक्टोज वाला होता है.  बकरी के दूध में कम फैट और लैक्टोज होने से यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और वजन प्रबंधन में मदद करता है.

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दूध को भारतीय आहार का अभिन्न हिस्सा माना जाता है, जो कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन का खजाना है. लेकिन डायबिटीज मरीजों के लिए दूध का चयन करना एक जटिल निर्णय हो सकता है. गाय, भैंस और बकरी का दूध, तीनों ही अपने पोषक तत्वों के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन इनका ब्लड शुगर, वजन, और पाचन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. 

गाय का दूध
गाय का दूध अपनी सुपाच्यता और हल्केपन के लिए जाना जाता है. इसमें 7.7 ग्राम प्रोटीन, 160 कैलोरी (प्रति 240 मिलीलीटर), और विटामिन डी, कैल्शियम, और पोटेशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं.  

गाय का दूध इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर करता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है. इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य को समर्थन देते हैं, जो डायबिटीज मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, कैल्शियम और विटामिन डी डायबिटीज मरीजों में ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करते हैं. वहीं, भैंस के दूध की तुलना में यह हल्का होता है, जिससे डायबिटीज मरीजों को पाचन में आसानी होती है.  

हालांकि, जिन मरीजों को लैक्टोज पचाने में दिक्कत होती है, उन्हें सूजन या गैस की समस्या हो सकती है. और फुल-क्रीम दूध में उच्च कैलोरी वजन बढ़ा सकती है.

भैंस का दूध
भैंस का दूध अपने क्रीमी स्वाद और उच्च पोषक तत्वों के लिए मशहूर है. इसमें 9 ग्राम प्रोटीन, 237 कैलोरी (प्रति 240 मिलीलीटर), और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं.  

फायदों की बात करें तो, ये बीटा-लैक्टोग्लोबुलिन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, जो डायबिटीज मरीजों में हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है. साथ ही, 56-58% एंटीऑक्सीडेंट क्षमता ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है, जो डायबिटीज से संबंधित जटिलताओं को रोकता है.  

लेकिन, भैंस का दूध गाय के दूध से दोगुना फैट युक्त होता है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है. और गाढ़ा होने के कारण यह पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकता है.  

बकरी का दूध
बकरी का दूध, जिसे आयुर्वेद में अजाक्षीर कहा जाता है, डायबिटीज मरीजों के लिए सबसे फायदेमंद माना जाता है. यह हल्का, सुपाच्य, और कम लैक्टोज वाला होता है.  बकरी के दूध में कम फैट और लैक्टोज होने से यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और वजन प्रबंधन में मदद करता है. साथ ही, छोटे फैट ग्लोब्यूल्स के कारण यह आसानी से पचता है और कब्ज, सूजन जैसी समस्याओं से राहत देता है.  इसके अलावा, सेलेनियम और विटामिन बी इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं.  

लेकिन, बकरी का दूध बाजार में आसानी से नहीं मिलता. इसे सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के बाद लें.  

डायबिटीज मरीजों के लिए सुझाव  
- गाय का दूध:
लो-फैट या स्किम्ड दूध चुनें और सुबह या रात को सीमित मात्रा में पिएं.  
- भैंस का दूध: मलाई निकालकर और पानी मिलाकर सेवन करें. इसे सप्ताह में 2-3 बार ही लें.  
- बकरी का दूध: 100-150 मिलीलीटर प्रतिदिन, स्मूदी या चाय में डालकर पिएं.  
- वैकल्पिक दूध: बादाम या सोया दूध कम कैलोरी और लैक्टोज-फ्री होने के कारण अच्छे विकल्प हैं.  

बता दें, मुंबई, दिल्ली, और बेंगलुरु जैसे शहरों में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में 2025 तक 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से प्रभावित होंगे. सही दूध का चुनाव ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.  

(डिस्क्लेमर: यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. कुछ भी अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें.)