
अमेरिका ने प्रवासी लोगों को बड़ी राहत दी है. पिछले कुछ वर्षों में, L-1 और H-1B वीजा धारकों के हजारों पति-पत्नी अपनी नौकरी खो चुके हैं. इसका कारण है उनका वर्क परमिट (Work permit). वर्क परमिट के रिन्यूअल के लिए कई बार लोगों को काफी प्रतीक्षा करनी पड़ती है. लेकिन अब यह नहीं करनी होगी. राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथियों को ऑटोमेटिक वर्क ऑथराइजेशन परमिट (Automatic work authorisation permits) देने के लिए सहमत हो गए हैं.
इस कदम से हजारों भारतीय-अमेरिकी महिलाओं को लाभ होगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय सीनेटर और सांसदों को हजारों पत्र लिखने के बाद, कई मार्च, रैलियों और सोशल मीडिया कैंपेन के बाद L2 और H4 वीजा धारकों को ये जीत मिली है.
होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के अनुसार, अब H-4 और L-2 वीजा धारकों को तब तक काम करना जारी रखने की अनुमति होगी जब तक कि उनके पास वैध वीजा (Valid Visa) है और वे रिन्यूअल का इंतजार कर रहे हैं.
H-1B वीजा धारकों में 1 लाख से भी ज्यादा ऐसे भारतीय हैं जिनका एम्प्लॉयमेंट ऑथोराइजेशन डॉक्यूमेंट (EAD) होल्ड पर हैं, उन्हें क्लियर नहीं किया गया है. लेकिन अब इनके वीजा को 6 महीने के लिए ऑटोमेटिक बढ़ा दिया जाएगा.
एम्प्लॉयमेंट ऑथोराइजेशन के नहीं करना होगा पहले से आवेदन
एआईएलए (AILA)के जॉन वासडेन कहते हैं कि H-4 वीजा धारकों के पति-पत्नियों को कई बार प्रतीक्षा के लिया कहा जाता है, जिससे कई बार उनके नौकरी खोनी पड़ती है. वह कहते हैं, "L-2 वीजा धारक बिना किसी वैध कारण के अपनी अच्छी कमाई वाली नौकरियों को खो रहे थे, जिससे उन्हें और अमेरिकी व्यवसायों को नुकसान हो रहा था. लेकिन ये एक बड़ी जीत है. अब उन्हें अमेरिका में काम करने से पहले से एम्प्लॉयमेंट ऑथोराइजेशन के लिए आवेदन नहीं करना होगा.”
ओबामा प्रशासन में दी गयी थी छूट
गौरतलब है कि ओबामा प्रशासन ने H-1B वीजा धारकों के कुछ लोगों को काम करने की अनुमति दी थी. अब तक, 90,000 से अधिक H-4 वीजा धारकों को वर्क ऑथराइजेशन मिल चुका है. बता दें, इनमें से ज्यादातर भारतीय-अमेरिकी महिलाएं हैं.