
40 साल की कायरन टॉमलिनसन ने अमेरिकी कुकिंग वर्ल्ड का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीता है. उनको साल 2025 के जेम्स बीयर्ड अवॉर्ड में बेस्ट शेफ: मिडवेस्ट चुना गया है. इस अवॉर्ड को अमेरिका में शेफ के लिए ऑस्कर जैसा माना जाता है. इस अवॉर्ड की जीतना आसान नहीं था, कायरन को यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा.
उधार लेकर खोला था रेस्तरां-
कायरन टॉमलिनसन ने उस वक्त उधार लेकर रेस्तरां खोला, जब कोरोना काल में कई रेस्तरां बंद हो रहे थे. उन्होंने मिनिसोटा में मिरियल नाम का रेस्तरां खोला था. कायरन ने अपनी सरलता को आधुनिक तकनीकों के साथ अपनी थाली में उतारा. उन्होंने अपने रेस्तरां की मार्केटिंग पर एक भी डॉलर खर्च नहीं किया.
अनोखा है रेस्तरां-
मिरियल रेस्तरां में परोसे जाने वाले हर व्यंजन की एक अलग कहानी है. ये रेस्तरां संस्कृति और परंपरा का जीवंत दस्तावेज है. उनके फर्मेटेड बीट्स अपने बगीचे में उगाए जाते हैं. कायरन कोई भी डिश उसी तरह से बनाती हैं, जैसे उनकी दादी बनाती थीं. सोरघम पोरिज डिश किसानों का प्रतिनिधित्व करती है. वह अपने व्यंजनों में रोमानो बीन्स और जंगली गाजर का इस्तेमाल करती हैं, ताकि लोकल फार्मिंग की खुशबू बरकरार रहे.
खाना बनाने का सफर-
कायरन एक ऐसी फैमिली में पढ़ी-बढ़ी हैं, जिसमें आतिथ्य जीवन का एक तरीका था. कायरन का सफर मिनिसोटा के जंगलों से शुरू हुआ था. इसके बाद वो पेरिस के ले कॉर्डन ब्लू के किचन तक पहुंचीं, जहां उन्होंने कुकिंग को धार दी. लेकिन जल्द ही उनके पैसे खत्म हो गए और उन्होंने मिनिसोटा लौटने का फैसला किया. कायरन ने 20 साल की उम्र में पहली बार खाना बनाना शुरू किया और कुछ समय तक रेस्टोरेंट में खाना बनाने के बाद वो स्वीडन के एक विशिष्ट रेस्टोरेंट में खाना बनाने लगीं.
फॉर्च्यून के साथ एक इंटरव्यू में कायरन ने बताया था कि मेरी दादी एक खुशमिजाज इंसान थीं. वो एक महिला किसान थीं. वो सबसे बेहतर पाई बनाती थीं. हर कोई जानना चाहता था कि वो कौन सी पाई बनाती हैं. मेहमाननवाजी के लिए मां मेरी पसंदीदा है.
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