
थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंग्सरी को शनिवार को 72वीं मिस वर्ल्ड का ताज पहनाया गया. वह अपने देश की पहली मिस वर्ल्ड हैं. सुचाता ने कहा कि वह अपने कार्यों से उन लोगों का नेतृत्व करने में विश्वास रखती हैं जो उनकी ओर सम्मानपूर्वक देखते हैं.
सुचाता ने मिस वर्ल्ड बनने के बाद कहा, "मैं हमेशा यह मानती हूं कि आप चाहे जो हों, आपकी उम्र चाहे जितनी भी हो, आपने अपने जीवन में चाहे जो भी पदवी हासिल की हो, आपके आस-पास हमेशा एक इंसान होता है. चाहे वह बच्चा हो, कोई बड़ा हो या आपके अपने माता-पिता भी हो सकते हैं. वे किसी न किसी तरह आपसे कुछ उम्मीद रखते हैं."
उन्होंने कहा, "इन लोगों को लीड करने का सबसे अच्छा तरीका है अपने काम में शालीनता दिखाना. यही सबसे अच्छी बात है जो हम अपने आस-पास के लोगों और अपनी दुनिया के लिए कर सकते हैं."
कौन हैं ओपल सुचाता चुआंग्सरी?
थाईलैंड के फुकेट में 30 सितंबर 2003 को जन्मी ओपल सुचाता चुआंग्सरी का पालन-पोषण होटल व्यवसायियों के परिवार में हुआ. उन्होंने काजोनकीत्सुक्सा स्कूल और ट्रायम उदोम सुक्सा स्कूल में पढ़ाई की. यहां उन्होंने अपने संचार कौशल (Communication Skills) और सांस्कृतिक प्रवाह (Cultural fluency) को निखारा. ओपल अपनी मातृभाषा थाई के अलावा अंग्रेजी और चीनी भी बोलना जानती हैं.
हुनर का खज़ाना हैं ओपल
ओपल की मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता प्रोफ़ाइल में कहा गया है कि वह इंटरनेशनल रिलेशन्स (International Relations) की छात्रा हैं और उनका लक्ष्य राजदूत बनना है. सुचाता की मनोविज्ञान (Psychology) और नृविज्ञान (Anthropology) में भी रुचि है. सुचाता के पास गिटार को उल्टा बजाने का खास हुनर है और उनके पास कई पालतू कुत्ते और बिल्लियां भी हैं.
कैंसर जागरूकता को समर्पित किया जीवन
ओपल ने अपनी स्पीच में दूसरों के लिए आदर्श बनने की बात कही. और अपने जीवन में भी उन्होंने इसे लागू किया है. मिस वर्ल्ड ओपल ने अपना जीवन हेल्थ अवेयरनेस और ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित कर दिया है. उन्होंने 16 साल की उम्र में एक अभियान शुरू किया - "ओपल फॉर ऑल." उनके स्तन में भी एक गांठ रह चुकी है, जिसे सर्जरी से निकाला गया था.
उनका कहना है कि जीवन के इस अनुभव ने ज्ञान और स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के उनके मिशन को आकार दिया. इसने प्रतियोगिता में सुचाता के 'ब्यूटी विद अ परपज़' अभियान के तौर पर भी काम किया. उन्होंने जजों से कहा कि वह अपने उद्देश्य को जारी रखना पसंद करेंगी. उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि यह ब्यूटी पेजेंट उनके उद्देश्य को आगे बढ़ाएगी.
"दूसरों के लिए जिन्दगी बेहतर बनाना सफलता"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मिस वर्ल्ड खिताब के साथ मैं भविष्य में ज्यादा प्रभाव डाल सकती हूं और अन्य प्रोजेक्ट्स में भी मदद कर सकती हूं. मेरे लिए सफलता का मतलब है अपना जीवन अच्छे से जीना और दूसरों के लिए बेहतर जिन्दगी बनाना."
संयोग से चुआंगश्री को मिस वर्ल्ड के 72वें संस्करण में भाग लेने के लिए हैदराबाद रवाना होने से ठीक एक हफ़्ते पहले मिस वर्ल्ड थाईलैंड 2025 का ताज 22 अप्रैल को पहनाया गया था. उन्होंने मिस यूनिवर्स 2024 में भी अपने देश का प्रतिनिधित्व किया और तीसरे स्थान पर रही थीं. उन्होंने 2024 में "वॉयस फॉर चेंज" में सिल्वर पुरस्कार जीता था.