scorecardresearch

दक्षिण अफ्रिका:शोध में सामने आए ओमिक्रॉन वैरिएंट के डराने वाले नमूने, पूरी दुनिया को हो सकता है इससे खतरा!

एनआईसीडी की टीम ने इन आठ नमूनो का परिक्षण इसी नंवबर में किया और ये पाया कि ये रिजल्ट चौकाने वाले हैं. इस टेस्ट में शामिल टीम और सहयोगी ने ये भी सोचा कि शायद रिजल्ट गलत आ रहे हैं. -लेकिन कोरोना के  ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों ने अब ये साफ कर दिया है कि ये रिजल्ट चौकाने वाले तो जरूर हैं, लेकिन गलत नहीं हैं.

दक्षिणी अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट से पूरी दुनिया में बजी खतरे की घंटी दक्षिणी अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट से पूरी दुनिया में बजी खतरे की घंटी
हाइलाइट्स
  • दक्षिण अफ्रिका में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले से बढ़ रहा खतरा

  • आठ नमूनो पर किया गया शोध, रिजल्ट ने किया हैरान

दक्षिण अफ्रिका में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले ने एक बार फिर पूरी दुनिया में खतरे का अलार्म बजा दिया है. दुनिया के अलग-अलग देशों ने इन मामलों को देखते हुए यातायात पर प्रतिबंध भी लगा दिए हैं. ये माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन का खतरा इतना ज्यादा है कि अब यह नया वैरिएंट पूरी तरह से वैक्सीनेटेड देशों को भी अपने चंगुल में ले सकता है. इसी खतरे को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी प्रयोगशाला Raquel Viana में आठ कोरोनावायरस नमूनों पर जीन का अनुक्रम ( sequenced the genes)किया, और इसके नतीजे चौकाने वाले थे, क्योंकि नमूनों में बड़ी संख्या में उत्परिवर्तन (mutations) देखे गए,खास तौर से  स्पाइक प्रोटीन पर. स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस को इंसान की कोशिकाओं में एंट्री देने वाला प्रोटीन है. 

परेशान करने वाले हैं ओमिक्रॉन वैरिएंट के नए रिजल्ट 

आपको बता दें कि एनआईसीडी की टीम ने इन आठ नमूनो का परिक्षण इसी नंवबर में किया और ये पाया कि ये रिजल्ट चौकाने वाले हैं. इस टेस्ट में शामिल टीम और सहयोगी ने ये भी सोचा कि शायद रिजल्ट गलत आ रहे हैं. -लेकिन कोरोना के  ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों ने अब ये साफ कर दिया है कि ये रिजल्ट चौकाने वाले तो जरूर हैं, लेकिन गलत नहीं हैं. 

अगले हफ्ते तक कोरोना संक्रमण के मामलो में हो सकता है चौगुना इज़ाफ़ा

रॉयटर्स के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के  संक्रामक रोग विशेषज्ञ सलीम अब्दुल करीम के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण के मामले हफ्ते के आखिर तक चौगुनी होकर 10,000 से ज्यादा होने की आशंका है,ऐसे में ये सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण पहले के मुकाबले ज्यादा गंभी है, क्या ये किसी खास उम्र के लोगों पर ज्यादा असर कर सकता है, 

नए वैरिएंट के बारे में कुछ भी छुपाना ग़लत

इस बीच, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (South African President Cyril Ramaphosa) टीकाकरण शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, देश अभी भी महामारी के 3 मिलियन COVID-19 संक्रमणों और 89,000 से ज्यादा मौतों से जूझ रहा है. ये आंकड़े महामारी के शुरूआती दौर से लेकर अब तक के हैं. दूसरी तरफ पर लगाया गया यातायात प्रतिबंध भी वहां के लोगों के लिए परेशानी का सबब है. COVID-19 पर काम कर रहे Stellenbosch University के एक वायरोलॉजिस्ट वोल्फगैंग प्रीज़र ने इस बात पर जोर दिया कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अब ये जरूरी हो गया है कि देश को  इस महामारी से सबक लेने की जरूरत है. अगर हम कोविड को लेकर दूसरे देशों से कुछ भी छुपाते हैं तो ये पूरी तरह से गलत होगा, और आगे दूसरे देश भी ऐसा करने के लिए हमसे प्रोत्साहित होगें. इसके लिए ये भी जरूरी है कि हमें परेशान होने के बजाए परेशानी से निबटने के लिए उपायों पर ध्यान देना चाहिए.