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Oscar Pistorius Birthday: ब्लेड रनर ऑस्कर पिस्टोरियस की कहानी, जिन्होंने ओलंपिक में रचा इतिहास, फिर बन गया गर्लफ्रेंड का कातिल

दक्षिण अफ्रीकी धावक ऑस्कर पिस्टोरियस वैसे तो कई लोगों के लिए प्रेरणा रहे हैं लेकिन अपनी ही गर्लफ्रेंड की हत्या कर वह विवादों में भी रहे थे. उन्होंने एक झगड़े की बाद अपनी गर्लफ्रेंड को बाथरूम में गोली मार दी थी.

Oscar Pistorius Oscar Pistorius
हाइलाइट्स
  • ऑस्कर ने एथलेटिक्स में नाम कमाया

  • पहले किया गया रिहा फिर बढ़ाई गई सजा

'ब्लेड रनर' के नाम से मशहूर दक्षिण अफ्रीकी एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस का जन्म आज ही के दिन 1986 को जोहान्सबर्ग में हुआ था. पिस्टोरियस जब बच्चे थे, तभी उनकी दोनों टांगें काटनी पड़ी थीं. वे अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हैं. उनके माता पिता ने उन्हें खेल के लिए प्रेरित किया. स्कूल के दिनों में वह वॉटर पोलो और रग्बी खेलते थे. कृत्रिम अंगों से दौड़ते हुए पिस्टोरियस ने ओलंपिक में इतिहास रचा था. स्प्रिंटर बनने से पहले पिस्टोरियस ने कई खेलों में हाथ आजमाया था. उन्होंने कुछ महीनों तक रेसलिंग की ट्रेनिंग भी ली. 

ऑस्कर ने एथलेटिक्स में नाम कमाया

पिस्टोरियस ने अपने शानदार करियर में अब तक कई पुरस्कार अपने नाम किए. उन्होंने 2004, 2005, 2006, 2007, 2008, 2011 और 2012 तक कई गोल्ड मेडल जीते. खेलों के अलावा उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता है. स्टील से बने ब्लेड्स प्रॉस्थेटिक्स लेग की जगह पहनकर उन्होंने ब्लेड रनर का नाम हासिल किया. लंदन ओलिंपिक में कमाल करने के बाद वे एथलेटिक्स वर्ल्ड के हीरो बन गए थे.

कर दी थी गर्लफ्रेंड की हत्या

पैरालियंपियन पिस्टोरियस ने वैलंटाइंस के दिन 2013 में अपनी गर्लफ्रेंड रीवा स्टीनकैंप की हत्या कर दी थी. पिस्टोरियस ने एक झगड़े के बाद रीवा की गोली मारकर हत्या की थी. पिस्टोरियस ने कहा था कि उसने गलती से स्टीनकैंप को बाथरूम में छिपा हुआ घुसपैठिया समझ लिया था. पिस्टोरियस पर हत्या का आरोप लगाया गया और जमानत पर रिहा कर दिया गया. मार्च 2014 में उनका ट्रायल शुरू हुआ. 2014 के सितंबर में कोर्ट में पिस्टोरियस का गुनाह साबित नहीं हो पाया. लेकिन गैर इरादतन हत्या के आरोप में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई. 

पहले किया गया रिहा फिर बढ़ाई गई सजा

अक्टूबर 2015 में उन्हें रिहा कर दिया गया और हाउस अरेस्ट पर रखा गया. हालांकि उसी साल दिसंबर में 5 जजों की बैंच ने पाया कि निचली अदालत ने डोलस इवेंचुअलिस के नियम को ठीक से लागू नहीं किया था. इसके बाद कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए जुलाई 2016 में उन्हें छह साल की कैद की सजा सुनाई गई और नवंबर 2017 में दक्षिण अफ्रीका के सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील ने इस सजा को बढ़ाकर 13 साल और पांच महीने कर दिया.