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विदेश से मिले 18 करोड़ के तोहफे को इमरान खान ने बेचा...सरकारी खजाना पार करने में पाकिस्तान के अन्य प्रधानमंत्री भी शामिल

पाकिस्तानी मीडिया में खबर है कि इमरान ने विदेशों से मिलने वाले करीब 18 करोड़ की लागत के तोहफो को एक करीबी को बेचकर अधिकतर रकम अपने पास रख ली और चंद लाख रुपये ही सरकारी खजाने में जमा करवाए.

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हाइलाइट्स
  • चुपचाप दबा लिए विदेशी गिफ्ट

  • सरकारी खजाने को हुआ नुकसान

विदेशी दौरे पर प्रधानमंत्री या राष्ट्रपतियों को तोहफा मिलना आम बात है. यह सभी हेड ऑफ स्टेट्स के साथ होता है. लेकिन इसके कुछ नियम हैं कि राष्ट्राध्यक्ष को इन तोहफो की जानकारी जिम्मेदार मंत्रालय को देनी होती है लेकिन पाकिस्तान इसमें फंसता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल पद से हटाए जाने के दो दिन बाद संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने इमरान खान के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी है.

पाकिस्तानी मीडिया में खबर है कि इमरान ने विदेशों से मिलने वाले करीब 18 करोड़ की लागत के तोहफो को एक करीबी को बेचकर अधिकतर रकम अपने पास रख ली और चंद लाख रुपये ही सरकारी खजाने में जमा करवाए. अब पता चला है कि सिर्फ इमरान खान ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के कई पूर्व प्रधानमंत्री ऐसे हैं जिन्होंने विदेशों से मिले तोहफे को नहीं लौटाया. इसमें परवेज मुशर्रफ और शौकत अजीज के नाम भी शामिल हैं.

चुपचाप दबा लिए विदेशी गिफ्ट
जनरल परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज को मिले तोहफे का ब्योरा कुछ महीने पहले सार्वजनिक किया गया था. हालांकि, अब तक किसी को यह नहीं पता कि इन दोनों नेताओं ने उन्हें मिले कितने तोहफो की जानकारी मंत्रालय को नहीं दी है. शौकत अजीज अपने साथ 1126 से अधिक गिफ्ट्स लेकर लंदन चले गए. इन उपहारों को अपने साथ रखने के लिए उन्होंने 2.9 मिलियन रुपये चुकाए जबकि इनकी असल कीमत 26 मिलियन रुपये थी.रिकॉर्ड के अनुसार, जनरल मुशर्रफ और अजीज ने अपने कार्यकाल के दौरान गिफ्ट को लेकर बने सरकारी नियमों को कम से कम चार बार बदला था. जिसके बाद दोनों ने 2000 से ज्यादा विदेशी उपहारों को बिना बताए खुद के लिए रख लिया.

सरकारी खजाने को हुआ नुकसान
पाकिस्तान मीडिया ट्रिब्यून डॉट पीके की खबर के अनुसार 1999 और 2009 के बीच पाकिस्तान के राजनेताओं और सैन्य जनरलों को विदेशों से मिले गिफ्ट के कारण देश को 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ था. इनमें परवेज मुशर्रफ की बीबी शेबा मुशर्रफ को अरब देशों से मिला 60 लाख रुपये का हीरा और सोने से बना नेकलेस भी शामिल है.

क्या है नियम?
पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्षों को इन तोहफो की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है. इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है. अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है. लेकिन अगर कीमत 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है. वहीं अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है. वहीं अगर कोई तोहफा नहीं खरीदता है तो इसकी नीलामी कर दी जाती है.