

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को क़तर से एक बेशकीमती तोहफा मिलने वाला है. ट्रम्प प्रशासन कह रहा है कि यह सिर्फ एक तोहफा है. जबकि उनके आलोचक कह रहे हैं कि यह एक तरह की 'रिश्वत' है. लेकिन आखिर दुनिया के सबसे ताकतवर देश के सबसे अहम आदमी को ऐसा क्या दिया जा रहा है जो लोग उसे रिश्वत की उपमा दे रहे हैं? दरअसल क़तर ट्रम्प को एक जेट प्लेन गिफ्ट कर रहा है. यह ऐसा-वैसा कोई प्लेन नहीं, बल्कि इसे आसमान का महल कहा जाता.
ट्रम्प को तोहफे में मिलेगा आसमान का महल
क़तर का शाही ख़ानदान डोनाल्ड ट्रम्प को एक सुपर लग्जरी बोइंग 747-8 जम्बो जेट देने जा रहा है. यह प्लेन खासतौर पर शाही ख़ानदान के लिए बनाया गया था. एबीसी न्यूज़ की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट के अनुसार, यह अमेरिका के एक राष्ट्रपति को किसी विदेशी सरकार से मिला सबसे महंगा गिफ्ट हो सकता है.
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि इस उपहार की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद थी, जब ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पर कतर जाएंगे. हालांकि रविवार रात सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ट्रम्प ने पुष्टि की कि उनका प्रशासन विमान को स्वीकार करने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने इसे रक्षा विभाग के साथ "बहुत ही सार्वजनिक और पारदर्शी लेनदेन" बताया. ट्रम्प का कार्यकाल खत्म होने के बाद यह एयरक्राफ्ट उनकी निजी लाइब्रेरी का हिस्सा बन जाएगा.
क्यों खास है यह जंबो जेट?
'आसमान की रानी' या 'आसमान का महल.' ट्रम्प को जो जहाज़ तोहफे में मिलने वाला है, उसे ये उपमाएं दी गई हैं. करीब 40 करोड़ डॉलर का यह प्लेन एक महल ही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस एयरक्राफ्ट में कम से कम दो मंज़िलें हैं. इसमें एक विशाल बेडरूम है. बैठने के लिए लाउंज है. एक खूबसूरत कांफ्रेंस रूम है. और इसका बाथरूम भी बहुत खूबसूरत है.
यह जेट पहले क़तर के शाही ख़ानदान ने इस्तेमाल किया था. बाद में तुर्कीए की सरकार ने भी इस जेट का उपयोग किया. अब यह 13 साल पुरानी शाही सवारी अमेरिकी राष्ट्रपति के जहाज़ एयर फोर्स-1 के तौर पर इस्तेमाल होगा. इससे पहले अमेरिका की एविएशन कंपनी एल3 हैरिस इसमें जरूरी मॉडिफिकेशन करेगी.
शाही तोहफे का इंतज़ार कर रहे ट्रम्प
फिलहाल, अमेरिका के पास एयर फोर्स वन के लिए दो पुराने बोइंग 747-200 जंबो जेट हैं. एयर फोर्स वन जेट को कमांडर-इन-चीफ की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक संचार और रक्षात्मक प्रणालियों से लैस होना पड़ता है, जिससे इसकी देखरेख महंगा और जटिल हो जाता है. कुछ सैन्य अधिकारी रखरखाव के उद्देश्य से बैकअप के रूप में बेड़े में तीसरा जेट जोड़ने की उम्मीद कर रहे थे. क़तर से मिलने वाला तोहफा इसी बैकअप के तौर पर काम करेगा.
दरअसल ट्रम्प के इस बैकअप प्लेन की ज़िम्मेदारी बोइंग को 2018 में दी गई थी. उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में इस कंपनी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था, जिसके तहत बोइंग को राष्ट्रपति के लिए एक तीसरा प्लेन तैयार करना था. हालिया खबरों के अनुसार बोइंग 2029 से पहले इस काम को अंजाम नहीं दे पाएगा. हालांकि ट्रम्प ने साफ कर दिया है कि वह इसी साल एक एयरक्राफ्ट चाहते हैं.
इस बीच, कतर ने रविवार को यह भी स्पष्ट किया है कि ट्रम्प को तोहफे में शाही एयरक्राफ्ट देने वाली डील अभी फाइनल नहीं हुई है. उन्होंने कहा, "एयर फोर्स वन के रूप में अस्थायी उपयोग के लिए एक विमान के संभावित हस्तांतरण पर कतर के रक्षा मंत्रालय और अमेरिकी रक्षा विभाग के बीच विचार चल रहा है, लेकिन मामला संबंधित कानूनी विभागों द्वारा समीक्षाधीन है और कोई निर्णय नहीं लिया गया है."