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10 साल पुराने केस में बरी हुए सैमसंग के चेयरमैन जे वाई ली, जानिए इनके बारे में सबकुछ

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के चेयरमैन जे वाई ली को साउथ कोरिया की सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 2015 में हुई 8 अरब डॉलर की मर्जर डील से जुड़े केस में कोर्ट ने निचली अदालतों के फैसले को बरकरार रखते हुए उन्हें दोषमुक्त करार दिया है.

Jay Y. Lee/AP:File Photo Jay Y. Lee/AP:File Photo
हाइलाइट्स
  • सैमसंग चेयरमैन जे वाई ली को क्लीन चिट

  • सैमसंग को बनाएंगे फिर से ग्लोबल लीडर

साउथ कोरिया की कोर्ट ने सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के चेयरमैन जे वाई ली (Jay Y. Lee) को 2015 की फेमस मर्जर डील मामले में क्लीन चिट दे दी है. कोर्ट ने अकाउंटिंग फ्रॉड और स्टॉक मैनिपुलेशन से जुड़े सभी आरोपों को खारिज कर दिया. इससे पहले दो निचली अदालतें भी उन्हें दोषमुक्त कर चुकी हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सैमसंग के शेयरों में हल्की तेजी आई और वे 1.7% ऊपर बंद हुए. निवेशकों का मानना है कि इससे कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्यों पर बेहतर फोकस हो पाएगा.

क्या था सैमसंग मर्जर मामला?

  • 2015 में सैमसंग की दो सहयोगी कंपनियों Samsung C&T और Cheil Industries का करीब 8 अरब डॉलर का मर्जर हुआ था.

  • अभियोजकों का आरोप था कि यह मर्जर जे वाई ली को सैमसंग ग्रुप की बागडोर सौंपने की रणनीति का हिस्सा था.

  • ली के पिता ली कुन-ही को 2014 में दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद जे वाई ली ने लीडरशिप संभाली.

कोर्ट ने क्या कहा?

  • सुप्रीम कोर्ट ने अपील कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि मर्जर पूरी तरह कानूनी था.

  • कोर्ट ने कहा कि ली के खिलाफ कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जो उन्हें दोषी ठहराए.

  • ली के वकीलों ने फैसले पर संतोष जताया और कहा कि यह सैमसंग के लिए स्थायित्व लाएगा.

सैमसंग के लिए क्यों खास है ये पल
एनएच इन्वेस्टमेंट एंड सिक्योरिटीज के विश्लेषक रयू यंग-हो ने कहा, “यह फैसला सैमसंग के लिए एक सकारात्मक मोड़ है. अब प्रबंधन दीर्घकालिक योजनाओं पर ध्यान दे सकेगा.”

कोरिया एंटरप्राइज़ फेडरेशन ने भी फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे दबाव में आई अर्थव्यवस्था को राहत मिलेगी.

कौन हैं जे वाई ली?
जे वाई ली सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के चेयरमैन और सैमसंग ग्रुप के उत्तराधिकारी हैं. उनका जन्म 1968 में सियोल में हुआ और वे सैमसंग के संस्थापक ली ब्युंग-चुल के पोते व पूर्व चेयरमैन ली कुन-ही के बेटे हैं. उन्होंने कोरिया यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और कीओटो यूनिवर्सिटी से MBA किया. 

2014 में पिता के बीमार होने के बाद उन्होंने कंपनी की कमान संभाली. हालांकि, 2017 में रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल भी गए. इसके बाद 2015 के मर्जर केस में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसमें अब उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया है.

अब आगे क्या होगा?
जानकारों का मानना है कि ली अब पूरी तरह सैमसंग की बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं.

AI, सेमीकंडक्टर और स्मार्टफोन जैसे क्षेत्रों में कड़ी ग्लोबल कंप्टीशन के बीच कंपनी को फिर से टॉप पर लाना उनकी अगली चुनौती होगी.

लीडर्स इंडेक्स के प्रमुख पार्क जू-गुन कहते हैं, “अब ली के सामने दो काम हैं, पहला बिजनेस को लीड करना और नए ग्रोथ इंजन खोजना.”