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लीबिया के तानाशाह गद्दाफी का बेटा लड़ेगा राष्ट्रपति चुनाव, पिता को विद्रोहियों ने घेरकर मार डाला था

अफ्रीकी देश लीबिया के दिवंगत तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी के बेटे सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा की है. रविवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उसने पंजीकरण कराया. लीबिया की निर्वाचन एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि सैफ ने सबाह शहर में अपनी उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल किया था. गद्दाफी को आज भी कई लोग एक क्रूर नेता के तौर पर याद करते हैं.

Saif al-Islam Gaddafi Saif al-Islam Gaddafi
हाइलाइट्स
  • पिता की मौत के बाद अंडरग्राउंड हो गया था गद्दाफी

  • लीबिया में प्रदर्शनकारियों ने पिता को मौत के घाट उतारा था

  • लीबिया में 24 दिसंबर को होना है चुनाव

अफ्रीकी देश लीबिया के दिवंगत तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी (Muammar-al-gaddafi) के बेटे सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी (Saif al-Islam al-Gaddafi) ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा की है. रविवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उसने पंजीकरण कराया. लीबिया ने सोमवार को उम्मीदवारों के लिए पंजीकरण खोला है. लीबिया की निर्वाचन एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि सैफ ने सबाह शहर में अपनी उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल किया था. गद्दाफी को आज भी कई लोग एक क्रूर नेता के तौर पर याद करते हैं. लीबिया में 24 दिसंबर को चुनाव होने हैं.

सैफ अल-इस्लाम अल-गद्दाफी एक वीडियो में पारंपरिक भूरे रंग के बागे और पगड़ी में दिखाई दिया, जहां वह चुनाव केंद्र में पर्चा दाखिल करने पहुंचा था. सैफ साल 2011 में अपने पिता की मौत के बाद अंडरग्राउंड हो गया था. करीब दस साल बाद पर्चा भरने के लिए वह लोगों के सामने आया. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सैफ अल-इस्लाम ने रविवार को लीबिया के शहर Sebha चुनाव केंद्र में अपना नामांकन पत्र जमा किया है. खबर है कि गद्दाफी को वहां की जनता का समर्थन भी मिल रहा है, जिसकी वजह से उसके जीतने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि कौन है गद्दाफी क्रूर नेता के नाम से विख्यात उनके पिता मुअम्मर अल-गद्दाफी जिसको लेकर इतनी चर्चा हो रही है. 

कौन हैं सैफ अल-इस्लाम? 
सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी को एक वक्त उनके पिता मुअमम्मर गद्दाफी ने देश का उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, लेकिन 10 साल पहले लीबिया में प्रदर्शनकारियों ने क्रूरता के साथ गद्दाफी को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद उनका परिवार जान बचाने के लिए अंडरग्राउंड हो गया. 2011 में लीबिया के लोग गद्दाफी के शासनकाल में उनकी शासन व्यवस्था से त्रस्त हो गये थे. सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने मानवता के खिलाफ हुए अपराधों को लेकर वॉन्टेड घोषित किया हुआ है उसे साल 2015 में लीबिया की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.

कौन थे मुअम्मर अल गद्दाफी?
तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी (Muammar al Gaddafi)को क्रूर नेता कहा जाता था. उनका जन्म लीबिया के सिरते में साल 1942 में हुआ था. उनके जन्म के समय लीबिया इटली का उपनिवेश था. इस देश को किंग इदरीस के नेतृत्व में साल 1951 में स्वतंत्रता मिली थी. जिसे पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त था. गद्दाफी अपनी युवा व्यवस्था में अरब राष्ट्रवाद से काफी प्रभावित था. वह मिस्र के नेता गमाल अब्देल नासिर का भी बड़ा प्रशंसक था. साल 1961 में गद्दाफी ने बेनगाजी के सैन्य कॉलेज में दाखिला लिया. इसके अलावा उसने यूनाइटेड किंगडम में चार महीने का सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया.

कैसे हुई थी मौत?
साल 2011 में 20 अक्टूबर को लीबिया के अधिकारियों को पता चला कि मुअम्मर अल गद्दाफी को उनके होमटाउन सिरते के बाहर विपक्षी लड़ाकों ने घेर लिया था. प्राथमिक जांच में पता चला कि उनकी मौत बुलेट लगने से हुई है. बाद में दावा किया गया कि गद्दाफी की मौत नाटो गठबंधन के हवाई हमले में हुई. इसके बाद एक वीडिया भी सामने आया था, जिसमें गद्दाफी लड़ाकों से घिरे हुए नजर आए. हालांकि वीडियो की सच्चाई की कोई पुष्टि नहीं हुई है.

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षित फ्लूएंट इंग्लिश बोलने वाले सैफ अल-इस्लाम को कभी कई सरकारों ने लीबिया के स्वीकार्य, वेस्टर्न फ्रेंडली फेस और संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा था. लेकिन जब मुअम्मर गद्दाफी के लंबे शासन के खिलाफ 2011 में एक विद्रोह छिड़ा तो सैफ अल-इस्लाम ने पश्चिम में अपनी दोस्ती के ऊपर परिवार और कबीले की वफादारी को चुना. रॉयटर्स टेलीविजन पर उसने कहा,"हम यहां लीबिया में लड़ते हैं, हम यहां लीबिया में मरते हैं."