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Subsidy for New Parents: बच्चे पैदा करने पर इनाम दे रही चीन सरकार! नए माता-पिता के लिए शुरू की सब्सिडी, जानिए क्या कहती है नई योजना

चीन की जनसंख्या लगातार तीन वर्षों से घट रही है. यूनाइटेड नेशन्स जनसांख्यिकी मॉडल का अनुमान है कि यह आज के 1.4 अरब से घटकर 2100 तक 80 करोड़ हो जाएगी. चीन सरकार यह राष्ट्रव्यापी सब्सिडी एक जनवरी से पूर्वव्यापी रूप से लागू करेगी.

Representational Image: Freepik Representational Image: Freepik

चीन की सरकार ने अपने देश में जन्म दर बढ़ाने के लिए तीन साल से कम उम्र के बच्चों वाले माता-पिता को नकद सब्सिडी देने का फैसला किया है. चीन भले ही दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, लेकिन इस समय जनसांख्यिकीय संकट का सामना कर रहा है. सरकारी मीडिया ने सोमवार को बताया कि माता-पिता को प्रत्येक पात्र बच्चे के लिए हर साल 3,600 युआन (43,885 रुपए) मिलेंगे. यानी तीन साल में 1,31,655 रुपए.

घटती जनसंख्या के चलते लिया फैसला
चीन की जनसंख्या लगातार तीन वर्षों से घट रही है. यूनाइटेड नेशन्स जनसांख्यिकी मॉडल का अनुमान है कि यह आज के 1.4 अरब से घटकर 2100 तक 80 करोड़ हो जाएगी. बीजिंग के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और राज्य परिषद, चीन की कैबिनेट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ये राष्ट्रव्यापी सब्सिडी एक जनवरी से पूर्वव्यापी रूप से लागू होंगी.

सीसीटीवी ने कहा, "यह एक प्रमुख राष्ट्रव्यापी नीति है जिसका उद्देश्य जन कल्याण में सुधार लाना है. यह देश भर के परिवारों को सीधे नकद सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे बच्चों के पालन-पोषण का बोझ कम करने में मदद मिलती है." पिछले साल चीन में सिर्फ़ 95.4 लाख बच्चे पैदा हुए, जो 2016 की आधी संख्या है. चीन ने 2016 में अपनी तीन दशकों से भी ज़्यादा समय से चली आ रही एक-बच्चा नीति (One Child Policy) को खत्म किया था.

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पिछले साल जनसंख्या में 13.9 लाख की गिरावट आई. नतीजतन, भारत 2023 में चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया. चीन में इस वक्त विवाह दर भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर है. कई युवा जोड़े बच्चों के पालन-पोषण की लागत और करियर की चिंताओं के कारण शादी और बच्चे पैदा करने से कतराते हैं.

क्या बोले माता-पिता?
बीजिंग में माता-पिताओं ने नई सब्सिडी का स्वागत किया है, लेकिन उनका यह भी कहना है कि उन्हें ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए ज्यादा सब्सिडी की ज़रूरत है. समाचार एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट नौ साल के बेटे की मां वांग ज़ू के हवाले से कहती है, "जिन युवा जोड़ों की अभी-अभी शादी हुई है और पहले से ही एक बच्चा है, उनके लिए यह वास्तव में दूसरा बच्चा पैदा करने के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है." 

एक बेटी और एक बेटे के पिता, 34 वर्षीय झांग वेई ने कहा कि नई सब्सिडी "एक अच्छी शुरुआत" है क्योंकि बच्चों की परवरिश ज़्यादा महंगी होती जा रही है. उन्होंने कहा, "हमारी पीढ़ी की तुलना में, लागत निश्चित रूप से तेज़ी से बढ़ी है." 

नीति की राह में रोड़े अनेक
चीन की इस नीति को विश्लेषकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है. उनका कहना है कि सब्सिडी सही दिशा में एक कदम है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि सिर्फ़ नए उपाय चीन की जनसंख्या में गिरावट को रोक नहीं पाएंगे और न ही घरेलू खर्च में गिरावट को बढ़ावा देंगे. पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री झिवेई झांग ने कहा, "यह उत्साहजनक है कि सरकार ने जन्म दर बढ़ाने के लिए राजकोषीय सब्सिडी का इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया है." 

उन्होंने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि सरकार ने कम जन्म दर से अर्थव्यवस्था के लिए पैदा हुई "गंभीर चुनौती" को पहचाना है. कैपिटल इकोनॉमिक्स के चीन अर्थशास्त्री ज़िचुन हुआंग ने कहा कि यह नीति परिवारों को सीधे मदद देने के मामले में एक "बड़ा मील का पत्थर" है और भविष्य में और अधिक राजकोषीय हस्तांतरण की नींव रख सकती है.

उन्होंने कहा कि यह राशि "जन्म दर या उपभोग पर निकट भविष्य में प्रभाव" डालने के लिए बहुत कम है. कई स्थानीय सरकारें पहले ही प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी शुरू कर चुकी हैं. गौरतलब है कि चीन के उत्तरी इनर मंगोलिया क्षेत्र की राजधानी होहोट ने मार्च में तीन या अधिक बच्चों वाले दम्पतियों के लिए प्रति नवजात शिशु 100,000 युआन तक की सहायता देने की शुरुआत की थी.

पहले और दूसरे बच्चे के लिए 10,000 और 50,000 युआन की सब्सिडी देने की बात कही थी. उत्तर-पूर्वी लियाओनिंग प्रांत के शेनयांग में, स्थानीय अधिकारी तीसरे बच्चे वाले परिवारों को बच्चे के तीन साल का होने तक 500 युआन प्रति माह देते हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में 20 से ज़्यादा प्रांतीय स्तर के प्रशासन अब बच्चों की देखभाल के लिए सब्सिडी दे रहे हैं.