
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को गलियों और मोहल्लों से हटाकर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया है, जहां कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण होगा. आवारा कुत्तों की समस्या दुनियाभर में है. समय-समय पर दुनिया के तमाम देश इससे निपटने के लिए कई तरीके अपनाते रहे हैं. पिछले साल आवारा कुत्तों से निपटने के लिए तुर्किये की संसद में कानून बना था.
साल 2024 में तुर्किये में बना था कानून-
साल 2024 में 40 लाख आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने के लिए तुर्किये की संसद ने एक कानून को मंजूरी दी थी. इस कानून के तहत देश के आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजना था. जहां गोद लेने से उपलब्ध कराने से पहले उनका टीकाकरण और नसबंदी होना था. जब ये कानून पारित हुआ था, उस समय तुर्किये में 322 एनिमल शेल्टर होम थे. जिसमें 105000 कुत्तों को रखने की क्षमता थी. जबकि आवारा कुत्तों की संख्या काफी ज्यादा थी.
कानून के तहत 2028 तक आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का समय दिया गया है. इस कानून का विरोध करने वालों को डर था कि इस फैसले के बाद कुत्तों को मारा जा सकता है. बाद में संवैधानिक कोर्ट ने भी संसद के कानून पर मुहर लगा दी थी.
तुर्किये में इस कानून के बनने के बाद कई कुत्तों को लोगों ने गोद लिया. कई कुत्तों को विदेशियों ने गोद लिया, ताकि उनको कोई नुकसान ना हो.
अमेरिका में कानूनी सुरक्षा-
अमेरिका में आवारा जानवरों को कानूनी रूप से सुरक्षा हासिल है, ताकि पशुओं की उपेक्षा ना हो. न्यूयॉर्क में आवारा कुत्तों के लिए गैर लाभकारी संस्था एनिमल केयर सेंटर्स काम करती है. यह संगठन कुत्तों को शेल्टर में ले जाते हैं, जहां उनके लिए घर ढूंढा जाता है.
लंदन में आवारा कुत्तों की देखभाल-
लंदन में आवारा कुत्तों की देखरेख की जाती है. यह काम डॉग वॉर्डन सर्विस करती है. कानून के मुताबिक 8 हफ्तों से अधिक उम्र के सभी पालतू कुत्तों के लिए माइक्रोचिप होती है, जो उसके मालिक के फोन नंबर से जुड़ी होती है. स्थानीय प्रशासन को अधिकार है कि वो आवारा कुत्तों को मार दे.
पेरिस में आवारा कुत्तों को मारा गया था-
साल 1880 के दशक में पेरिस में आवारा कुत्तों की संख्या काफी बढ़ गई थी. कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे थे. इसके बाद कुत्तों को मार दिया गया था. लेकिन इसका पुख्ता प्रमाण नहीं मिलता है. फेमस जर्नल jstor.org पर प्रकाशित रिसर्च पेपर 'STRAY DOGS AND THE MAKING OF MODERN PARIS' के मुताबिक, 1883 में पेरिस में रेबीज नियंत्रण के लिए आवारा कुत्तों पर कार्रवाई के प्रमाण मिलते हैं.
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