

वाशिंगटन डीसी से दोहा तक, एक खबर ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है! अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो अपने बेबाक अंदाज और विवादों के लिए मशहूर हैं, अब कतर की शाही खानदान से 400 मिलियन डॉलर (लगभग 33,000 करोड़ रुपये) का बोइंग 747 जेट तोहफे में लेने की तैयारी में हैं. ये वही जेट है, जिसे ‘एयर फोर्स वन’ के तौर पर इस्तेमाल करने की बात हो रही है. लेकिन रुकिए! ये तोहफा सिर्फ एक शाही उपहार नहीं, बल्कि अमेरिकी कानून और नैतिकता पर सवाल उठाने वाला तूफान है. और ये कोई नई बात नहीं है अमेरिकी राष्ट्रपतियों को विदेशी सरकारों से अनोखे तोहफे मिलते रहे हैं, फिर चाहे वो जॉर्ज वाशिंगटन को स्पेन का गधा हो, रोनाल्ड रीगन को श्रीलंका का हाथी, या बराक ओबामा को ऑस्ट्रेलिया का क्रोकोडाइल इंश्योरेंस!
कतर का शाही जेट
सपनों का जेट, चमचमाती लग्जरी, और वो भी मुफ्त में! डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को ऐलान किया कि वो कतर से मिलने वाले बोइंग 747 को ‘एयर फोर्स वन’ के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं. लेकिन ये तोहफा इतना आसान नहीं. अमेरिकी कानून के तहत, राष्ट्रपति और सरकारी कर्मचारियों को 480 डॉलर से ज्यादा कीमत के विदेशी तोहफों को हर साल डिक्लेयर करना होता है. बड़े तोहफे स्वीकार किए जा सकते हैं, लेकिन इन्हें ज्यादातर नेशनल आर्काइव्स में जमा करना पड़ता है. अगर राष्ट्रपति कोई तोहफा रखना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी कीमत पर टैक्स देना पड़ता है.
ट्रम्प का ये जेट, जिसकी कीमत 400 मिलियन डॉलर है, न सिर्फ कानूनी सवाल उठा रहा है, बल्कि ये भी पूछा जा रहा है कि क्या ये तोहफा ट्रम्प के फैसलों को प्रभावित करेगा? लेकिन ट्रम्प अकेले नहीं हैं, जिन्हें विदेशी सरकारों से अनोखे तोहफे मिले. आइए, इतिहास के पन्नों को पलटते हैं और देखते हैं कि राष्ट्रपतियों को और क्या-क्या शाही उपहार मिले!
जॉर्ज वाशिंगटन को मिला था गधा
तोहफों की ये परंपरा उतनी ही पुरानी है, जितना अमेरिका का राष्ट्रपति पद. 1784 में, जब जॉर्ज वाशिंगटन अभी राष्ट्रपति भी नहीं बने थे, स्पेन के राजा चार्ल्स तृतीय ने उन्हें एक गधा तोहफे में दिया. वाशिंगटन ने इसका नाम ‘रॉयल गिफ्ट’ रखा. माउंट वर्नन लेडीज़ एसोसिएशन के मुताबिक, ये तोहफा दोनों देशों के बीच दोस्ती को मजबूत करने का प्रतीक था. उस वक्त अमेरिका अपनी राष्ट्रीय पहचान बना रहा था, और ये गधा एक शाही संदेश था.
हाथी, कुत्ते और पांडा जैसे जानवरों के तोहफे
राष्ट्रपतियों को सिर्फ गहने या महंगे उपहार ही नहीं, बल्कि जानवर भी तोहफे में मिले हैं. 1959 में ड्वाइट डी. आइजनहावर को कांगो गणराज्य से एक बेबी हाथी मिला. 1984 में रोनाल्ड रीगन को श्रीलंका के राष्ट्रपति जूनियस आर. जयवर्धने ने जयथु नाम का 18 महीने का एशियाई हाथी भेंट किया. रीगन ने व्हाइट हाउस में इस हाथी का स्वागत किया, और तस्वीरें आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं.
1961 में जॉन एफ. केनेडी और उनके परिवार को सोवियत यूनियन के प्रीमियर निकिता ख्रुश्चेव ने पुशिंका नाम का एक कुत्ता तोहफे में दिया. 2005 में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश को बुल्गारिया के राष्ट्रपति जॉर्जी पार्वनोव ने एक पपी भेंट किया. और कौन भूल सकता है उस पल को, जब 1972 में बीजिंग में एक भोज के दौरान तत्कालीन प्रथम महिला पैट निक्सन ने चीनी प्रीमियर झोउ एनलाई के बगल में बैठकर एक सिगरेट टिन पर दो पांडा की तस्वीर देखी. उन्होंने कहा, “कितने प्यारे हैं! मुझे ये बहुत पसंद हैं.” प्रीमियर ने तुरंत वादा किया, “मैं आपको कुछ दूंगा.” यहीं से वाशिंगटन के नेशनल ज़ू में पांडा की मौजूदगी की शुरुआत हुई!
स्केट्स से क्रोकोडाइल इंश्योरेंस तक
राष्ट्रपतियों को मिले तोहफे सिर्फ शाही या महंगे ही नहीं, बल्कि कई बार मजेदार और अनोखे भी रहे हैं. 2008 में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश को नीदरलैंड्स से इनलाइन स्केट्स की एक जोड़ी मिली. 2011 में बराक ओबामा को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने लाल, सफेद और नीले रंग का एक बास्केटबॉल दिया, जिस पर उनका हस्ताक्षर था.
लेकिन सबसे मजेदार तोहफा शायद ओबामा को 2011 में ऑस्ट्रेलिया की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान मिला. नॉर्दर्न टेरिटरी के चीफ मिनिस्टर ने ये पॉलिसी दी, जो मगरमच्छ के हमले की स्थिति में ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा को 50,000 डॉलर का भुगतान करती. ओबामा ने हंसते हुए कहा, “जब हमने अमेरिका में हेल्थकेयर सुधार किया, तो क्रोकोडाइल इंश्योरेंस को शामिल करना भूल गए!” ये पॉलिसी, अपने पूरे टर्म्स के साथ एक फ्रेम में, 2017 में नेशनल आर्काइव्स में जमा कर दी गई.
2014 में जब ओबामा दोबारा ऑस्ट्रेलिया गए, तो उन्हें एक नीले और सफेद रंग का लॉन्गबोर्ड मिला, जिस पर “दोस्ती के झंडे” और प्रेसिडेंशियल सील थी. रोनाल्ड रीगन, जो घुड़सवारी के शौकीन थे, को अपने कार्यकाल में दर्जनों सैडल्स (घोड़े की जीन) तोहफे में मिले.
एक तोहफा, जो बन गया प्रतीक
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय का सबसे मशहूर प्रतीक, रिजॉल्यूट डेस्क, भी एक विदेशी तोहफा है. 1880 में ब्रिटेन की रानी विक्टोरिया ने राष्ट्रपति रदरफोर्ड बी. हेस को ये डेस्क भेंट किया. ये डेस्क HMS रिजॉल्यूट नाम के जहाज की लकड़ी से बना था, जिसे एक अमेरिकी व्हेलर ने बचाया था और फिर कांग्रेस ने दोस्ती के प्रतीक के तौर पर इंग्लैंड भेजा था. इसके बदले रानी विक्टोरिया ने ये डेस्क बनवाकर दिया. तब से लगभग हर राष्ट्रपति, जिसमें ट्रम्प भी शामिल हैं, ने इस डेस्क का इस्तेमाल किया है.
15,000 गिफ्ट्स हर साल!
वाशिंगटन पोस्ट की खबर की मानें, तो 1990 के दशक के अंत तक, राष्ट्रपति और उनके परिवार को हर साल लगभग 15,000 तोहफे मिलने लगे थे, जिनमें विदेशी सरकारों और निजी नागरिकों के उपहार शामिल थे. 1996 में नेशनल आर्काइव्स ने 12 राष्ट्रपतियों के तोहफों को “टोकन्स एंड ट्रेज़र्स” प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया. वाशिंगटन पोस्ट ने मजाक में लिखा था, “ये प्रदर्शनी राष्ट्रपति में ‘प्रेज़ेंट’ को डाल रही है!”
ट्रम्प का जेट और संविधान
ट्रम्प का कतर से जेट लेने का फैसला अब तक के सबसे विवादास्पद तोहफों में से एक है. अमेरिकी संविधान का एमॉल्यूमेंट्स क्लॉज कहता है कि कोई भी राष्ट्रपति बिना कांग्रेस की अनुमति के विदेशी सरकार से कोई तोहफा स्वीकार नहीं कर सकता. ट्रम्प का दावा है कि अगर जेट पेंटागन को दिया जाता है, तो ये नियम शायद टाला जा सकता है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये इतना आसान नहीं.
इसके अलावा, नैतिकता और सुरक्षा के सवाल भी हैं. क्या कतर का ये तोहफा ट्रम्प के फैसलों को प्रभावित करेगा? और क्या एक विदेशी सरकार के कब्जे में रहा जेट राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए भरोसेमंद है? इतिहास में राष्ट्रपतियों ने शेर, घोड़े, और हाथी जैसे तोहफे ठुकराए या आर्काइव्स में जमा किए.