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RICO Act: जॉर्जिया के रीको एक्ट को समझिए, जिसके तहत Donald Trump के खिलाफ लगाए गए हैं आरोप

माफिया से निपटने के लिए रैकेटियरिंग विरोधी कानून बनाया गया था, जिसका इस्तेमाल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ किया जा रहा है. फुल्टन काउंटी डिस्ट्रिक्ट के अटॉर्नी फानी विलिस ने ट्रंप और उनके 18 सहयोगियों पर जॉर्जिया के RICO कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

RICO एक्ट क्या है, जिसके तहत अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं (Photo/Twitter) RICO एक्ट क्या है, जिसके तहत अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं (Photo/Twitter)

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जॉर्जिया राज्य में RICO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके तहत ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने संगठित अपराध को रोकने के लिए बनाए गए कानून RICO का उल्लंघन किया है. ये कानून इससे संबंधित फेडरल कानून के मुकाबले ज्यादा गंभीर है.

क्या है RICO एक्ट-
साल 1970 में अमेरिकी संसद ने माफिया से निपटने के लिए फेडरल रैकेटियर इंफ्लुएंस्ड एंड करप्ट ऑर्गेनाइजेशन एक्ट (RICO) पारित किया था. इसके बाद अमेरिका के ज्यादातर राज्यों ने इस तरह के क्राइम से निटपने के लिए इस तरह का कानून बनाया. हालांकि कई राज्यों ने इस कानून में कई बदलाव भी किए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक फेडरल कानून के तहत एक्शन के लिए दो अंतर्निहित क्राइम और लंबे समय से किसी गिरोहों के साथ काम करना शामिल है. जबकि जॉर्जिया राज्य के RICO कानून में लंबे समय तक किसी गिरोह के साथ जुड़े रहना जरूरी नहीं है. इस राज्य में 50 अंतर्निहित क्राइम की सूची बनाई गई है, जो रैकेटियर होने के लिए काफी है.
जॉर्जिया में RICO कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 5 से 20 साल तक की सजा हो सकती है. जबकि फेडरल कानून के तहत भी अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है, हालांकि इस कानून में मिनियम सजा तय नहीं है.

RICO का कैसे होता है इस्तेमाल-
अमेरिका में माफिया के खिलाफ बड़े पैमाने पर एक्शन लिया गया है. इसके बाद RICO एक्ट के तहत दूसरे संगठित अपराधों के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है. अभियोजकों ने इस कानून को सभी तरह के उन अपराधों पर लागू किया है, जिनको वो गिरोह के तौर पर चिन्हित किया है. इसमें वॉल स्ट्रीट बैंक और मार्केट में हेरफेर करने वाले ट्रेडर्स भी शामिल हैं.
फुल्टन काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी फनी विलिस ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ आरोप लगाए हैं. उन्होंने साल 2014 में अटलांटा के दो दर्जन एजुकेटर्स के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया था.

RICO का इस्तेमाल क्यों हो रहा है-
माफिया सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए RICO कानून की कल्पना की गई थी, जो फर्जी निगमों में गलत तरीके से कमाई करते थे और खुद को पाक साफ रखते थे. इस कानून में अभियोजकों को ये साबित करने की जरूरत नहीं है कि प्रतिवादी सीधे तौर पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. इसमें सिर्फ इतना साबित करना है कि प्रतिवादी उस बड़े संगठन का हिस्सा हैं, जिसने अपराध को अंजाम दिया है.

RICO के इस्तेमाल का जोखिम-
रीको के मामले स्वाभाविक तौर पर अधिक जटिल हैं. क्योंकि अभियोजकों को पहले ये साबित करना होगा कि ऐसा कोई गिरोह काम कर रहा है. ट्रंप अभियोग में 18 सह-प्रतिवादियों के नाम शामिल हैं. जिसमें ट्रंप के एक समय वकील रहे रुडी गिउलियानी, उनके पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मेडोज और वकील जॉन ईस्टमैन शामिल हैं. अभियोजकों को ये साबित करना होगा कि ट्रंप और उनके साथियों ने एक कॉमन मकसद के लिए क्राइम किया है, जो अंतर्निहित रीको क्राइम को साबित करने जितना साधारण नहीं है.

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