
पाकिस्तान ने जब शनिवार तड़के अपने ऑपरेशन 'बुनयान अल-मरसूस' के तहत भारत पर हमला बोला तो उसने अपनी मल्टिपल लॉन्च रॉकेट प्रणाली (MLRS) फतह-2 का भी इस्तेमाल किया. पाकिस्तान ने हाल ही में इस मिसाइल की टेस्टिंग की थी. इस हथियार के बारे में हमें अब तक क्या मालूम है, यह कितना खतरनाक है और भारत की बैलिस्टिक मिसाइल्स के मुकाबले यह कहां खड़ा है, आइए जानते हैं.
कब लॉन्च हुई फतह-2?
पाकिस्तान ने पिछले साल 27 दिसंबर को अपनी नई गाइडेड मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट प्रणाली (G-MLRS) फतह-II लॉन्च की थी. यह फतह-I का नया वर्जन थी. यह अपनी लंबी दूरी तक वार करने की काबिलियत और ज्यादा एक्युरेसी के लिए फतह-I से बेहतर थी.
कितनी ताकतवर है फतह-2?
फ़तह-II पाकिस्तान का कोई नया हथियार नहीं था. यह अमेरिका के एम-142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) और चीन की वेशी रॉकेट सीरीज जैसा ही था. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, यह रॉकेट 400 किमी की सीमा के भीतर टारगेट पर वार कर सकता है. इसकी एक्युरेसी 10 मीटर तक की है. पाकिस्तानी समाचार स्रोतों की मानें तो बढ़ी हुई सटीकता जड़त्वीय और सैटलाइट नैविगेशन सिस्टम के संयोजन का उपयोग करने से मिली थी.
क्यों खास था फतह-2 का लॉन्च?
पाकिस्तान के पास फतह-II से पहले भी कम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइलें (SRBM) थीं. लेकिन उसने फतह-II बनाने का फैसला किया. इसकी वजह यह थी कि यह मिसाइल कम लागत में तैयार हुई. यानी यह काम एक शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल की तरह ही करती है, लेकिन इसकी लागत उससे कम है.
बैलिस्टिक मिसाइलों की रखरखाव और परिचालन लागत ज्यादा होती है और उन्हें तैयार रखने के लिए भी अलग से स्टोरेज स्थल और कर्मचारियों की जरूरत होती है. इसके बरक्स, फ़तह-II को आसानी से मल्टिपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) बेड़े के साथ मिलाया जा सकता है. एक बार में कई एमएलआरएस मिसाइलें दागी जा सकती हैं, जो भारत के एस400 एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करने की क्षमता रखती हैं. ऐसे में यह मिसाइल पाक के लिए अहम साबित हो सकती थी क्योंकि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने अब तक उसके सभी हमलों को बेअसर किया है.
भारत की बैलिस्टिक मिसाइलें कितनी ताकतवर?
भारत के पास पाकिस्तान की एमएलआरएस मिसाइलों का जवाब देने के लिए कई ताकतवर बैलिस्टिक मिसाइलें मौजूद हैं. इस समय भारत जिन शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल्स का इस्तेमाल कर रहा है, उनमें सबसे ताकतवर प्रलय है. यह मिसाइल 500 किलोमीटर तक हमला कर सकती है 500-1,000 किलोग्राम का वारहेड भी ले जा सकती है.
इसकी अर्ध-बैलिस्टिक ट्रैजेक्ट्री की वजह से यह तेज़ी से सफर कर सकती है और एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इसे रोकना भी मुश्किल है. यह मिसाइल GPS और इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम से चलती है. इसकी सटीकता भी फतह-II की तरह ही 10 मीटर तक की है. कैनिस्टर-लॉन्च सिस्टम और रोड-मोबाइल डिज़ाइन के कारण इसे बहुत तेज़ी से लड़ाई में तैनात भी किया जा सकता है.
कहने को भारत की पृथ्वी-II मिसाइल 600 किलोमीटर दूर तक हमला कर सकती है, लेकिन तकनीकी दक्षता के कारण प्रलय ज्यादा बेहतर और दुश्मन के लिए ज्यादा घातक है.
यह तो बात हुई शॉर्ट रेंज मिसाइल की. इसके अलावा भारत के पास अग्नि-II जैसी मीडियम रेंज मिसाइल भी है जो 3500 किलोमीटर की दूरी तक वार कर सकती है. वहीं अग्नि-IV एक इंटरमीडिएट रेंज मिसाइल है जो 4000 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन का खातमा करने की क्षमता रखती है.