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Turkey Apple Ban: बैन हुए तुर्की के सेब तो बढ़ीं कश्मीरी किसानों की उम्मीदें, व्यापार बढ़ने की उम्मीद... कश्मीरी और तुर्की सेबों में क्या है फर्क

देश भर के फल व्यापारियों ने ऐलान किया है कि वे अब तुर्किए से सेब का आयात नहीं करेंगे. फल व्यापारियों के इस फैसले से जम्मू कश्मीर के सेब किसानों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. उनका कहना है कि इससे घरेलू व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष में पाकिस्तान का समर्थन करना तुर्किए को भारी पड़ रहा है. तुर्किए के खिलाफ भारत के व्यापारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान को समर्थन देने के कारण बढ़ते विरोध और तुर्किए के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की मांग के बीच देश भर के फल व्यापारियों ने ऐलान किया है कि वे अब तुर्किए से सेब का आयात नहीं करेंगे.

क्या बोले कश्मीरी व्यापारी?
फल व्यापारियों के इस फैसले से जम्मू कश्मीर के सेब किसानों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. उनका कहना है कि इससे घरेलू व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. कश्मीर के एक किसान शाह नजीर समाचार एजेंसी पीटीआई से कहते हैं, "बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा क्योंकि हमारा एक्सपोर्ट ज्यादा नहीं जाता था. हमारा सेब वहां पर पहुंचता नहीं था मतलब पूरे इंडिया में नहीं पहुंच पाता था. ये तो कन्फाइंड रहता था." 

उन्होंने कहा, "सब उनको पता है कि हमारे साथ क्या होता था और क्या नहीं होता था? तो इंशाअल्लाह, इस प्रतिबंध के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि हमारे कश्मीर का जो सेब है पूरे इंडिया में वो सर्कुलेट हो जाए. तो हर एक स्टेट में पहुंच पाए." 

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कश्मीर के एक अन्य किसान गौहर मीर ने कहा, "जो इंडिया ने तुर्किए से बैन किया है एप्पल उससे यहां बहुत फायदा मिलेगा. पहले तो मार्किट वैल्यू जो हमारे सेब का था वो बहुत डाउन होता था. तो किसान जो भी थे जो यहां जम्मू कश्मीर से उनको बहुत काफी नुकसान होता था अपनी प्रोडक्टिविटी पर, तो ये बैन इन्होंने किया इंडिया ने उसमें जो किसान हैं वो बहुत ही खुश हैं कि उनका जो भी प्रोडक्शन होगा उसका मार्किट वैल्यू हाई हो जाएगा और हर किसी किसान का लक्ष्य यही होता है कि वो उसका जो भी प्रोडक्ट है उसका मार्किट वैल्यू हाई हो जाए." 

कश्मीर के सेब किसानों को उम्मीद है कि तुर्किए से सेब का आयात बंद होने से बाजार में उनके सेबों की बिक्री बढ़ेगी. देश भर में कश्मीर के सेब की पहुंच होगी और आमदनी भी अच्छी होगी. 

कैसे अलग है कश्मीर और तुर्किए के सेब?
कश्मीरी और तुर्की सेबों का फर्क उनके स्वाद से लेकर उनके इस्तेमाल तक पाया जा सकता है. कश्मीर के सेब जैसे रॉयल डिलीशियस और गाला अपनी मिठास और रसीलेपन के लिए जाने जाते हैं. दूसरी ओर, तुर्की के सेब जैसे गाला, ग्रैनी स्मिथ या फूजी स्वाद में विविध होते हैं. इनमें से कुछ किस्में खट्टेपन की ओर झुकती हैं जबकि कुछ मध्यम मीठी होती हैं. 

कश्मीरी सेब आमतौर पर क्रिस्प और रसीले होते हैं. काटने पर इनमें एक सुखद कुरकुरापन होता है जिसकी वजह से इन्हें ताज़ा खाना बेस्ट होता है. तुर्की के सेब भी कुरकुरे हो सकते हैं, लेकिन कुछ किस्में (जैसे गोल्डन डिलीशियस) थोड़ी नरम या गूदेदार हो सकती हैं जिसकी वजह से इनका इस्तेमाल ज्यादातर बेकिंग के लिए किया जाता है. 

इसी वजह से तुर्किए के सेबों को साइडर, ऐपल टार्ट या ऐपल पाई बनाने के लिए पसंद किया जाता है. दूसरी ओर, कश्मीरी सेबों को मुख्य रूप से ताज़ा खाने के लिए पसंद किया जाता है. इन्हें जूस, जैम या मिठाइयों में भी इस्तेमाल किया जाता है.