
अनवर-उल-हक काकर को पाकिस्तान का नया कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया है. निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विपक्ष के नेता राजा रियाज ने दो दौर के विचार-विमर्श के बाद उनके नाम को अंतिम रूप दिया. काकर बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता हैं. वे इस साल के अंत में नए चुनाव तक कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व करेंगे.
कौन हैं अनवर-उल-हक काकर
अनवर-उल-हक काकर बलूचिस्तान के नेता हैं. वे 2018 में सीनेट के लिए चुने गए थे. उच्च सदन के लिए चुने जाने से पहले उन्होंने प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया है. काकर पश्तून और बलूच दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनके पीएमएल-एन और पीपीपी सहित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के साथ भी अच्छे संबंध हैं. 2008 में अनवर-उल-हक ने क्यू-लीग के टिकट पर क्वेटा से नेशनल असेंबली का चुनाव लड़ा था. उनके पास राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री है. उन्होंने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. काकर लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं. उनके परिवार का ताल्लुक पश्तून ट्राइबल से है.
ट्वीट कर दी प्रतिक्रिया
कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में, काकर ने ट्वीट किया, अल्लाह का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्र की सेवा करने का मुझे अवसर दिया. इंशाअल्ला अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा, जो पाकिस्तान के हित में होगा.
रियाज ने सुझाया था नाम
रियाज ने कहा कि हमने तय किया था कि अंतरिम प्रधानमंत्री एक छोटे प्रांत से होगा. उन्होंने कहा कि अनवर-उल-हक का नाम मैंने ही सुझाया था, जिसे मंजूरी दे दी गई.
राष्ट्रपति ने शरीफ को लिखा था पत्र
यह घटनाक्रम तब हुआ, जब राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने पीएम शहबाज को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्हें और विपक्षी नेता को 12 अगस्त 2023 तक अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए उपयुक्त व्यक्ति का सुझाव देने की याद दिलाई थी. पीएम शहबाज और रियाज को लिखे पत्र में राष्ट्रपति ने सूचित किया था कि अनुच्छेद 224ए के तहत उन्हें नेशनल असेंबली के विघटन के तीन दिनों के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए एक नाम प्रस्तावित करना है. राष्ट्रपति ने लिखा, जैसा कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 (1ए) में प्रावधान है, प्रधानमंत्री और निवर्तमान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता 12 अगस्त से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए एक उपयुक्त व्यक्ति का प्रस्ताव कर सकते हैं.
क्या कहता है पाक का संविधान
शरीफ ने कहा कि संविधान में संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली के भंग होने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए आठ दिन का प्रावधान है. संविधान के अनुसार, नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री और निवर्तमान विपक्षी नेता के पास अंतरिम प्रधानमंत्री का नाम तय करने के लिए तीन दिन का समय होता है. यदि दोनों किसी नाम पर सहमत नहीं हो पाते हैं तो मामले संसदीय समिति के पास भेजा जाता है. यदि समिति कोई निर्णय लेने में विफल रहती है, तो पाकिस्तान चुनाव आयोग के पास आयोग के साथ साझा किए गए नामों की सूची से कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए दो दिन का समय होता है.
ये नाम भी किए गए थे प्रस्तावित
स्थानीय मीडिया के अनुसार, कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए तीन नाम प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें पूर्व राजनयिक जलील अब्बास जिलानी और पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तसद्दुक हुसैन जिलानी, जो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) शामिल थे. इसके अलावा, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) की ओर से सिंध के गवर्नर कामरान टेसोरी के नाम का प्रस्ताव रखा गया था.
नेशनल असेंबली कब की गई थी भंग
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अनिवार्य कार्यकाल से तीन दिन पहले 9 अगस्त 2023 को नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश की थी. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शरीफ की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दी थी. ऐसे में संविधान के अनुसार अगला आम चुनाव 90 दिनों में होगा. चुनाव में कुछ महीनों की देरी होने की उम्मीद है, क्योंकि नई जनगणना के नतीजों को निवर्तमान सरकार ने मंजूरी दे दी है, जिससे चुनाव से पहले परिसीमन करना एक संवैधानिक दायित्व बन गया है.