
भारत के मिशन सिंदूर ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है. केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस मिशन को सराहा जा रहा है. जिस सटीकता के साथ भारत ने केवल और केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया वह कमाल की बात है. लेकिन वहीं पाकिस्तान के मन में अलग ही विचार उठ रहे हैं. उसका यह सोचना है कि भारत ने किस चीज़ की मदद से उसके 11 एयर बेस और 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया.
पाकिस्तान आर्मी इस बात के लिए गूगल मैप्स को जिम्मेदार ठहराने में लगी हुई है कि भारत ने मैप्स की मदद से ही उसके ठिकानों का पता लगाया. चीन ने अपने देश में गूगल मैप्स पर बैन लगाया हुआ है. और जैसी कहावत है कि चोर-चोर मौसेरे भाई, तो इसी कड़ी में शायद पाक भी गूगल मैप्स पर बैन लगा सकता है. पाकिस्तान में लोग सोशल मीडिया पर पाक की बर्बादी के लिए गूगल मैप्स को बदनाम करने में लगे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर दरअसल पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था. जो पाक के समझ के बिलकुल परे हैं. भारत में पहलगाम हमला 22 अप्रैल को हुआ जिसमें 26 लोग मारे गए थे. 26 बेकसूर लोग. जबकि इस आतंकी हमले का जवाब का ऑपरेशन सिंदूर जिसमें केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था. किसी बेकसूर को निशाना बनाना मंशा ही नहीं थी.
कहां की गूगल मैप ने मदद
गूगल मैप की मदद से भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए पाक एयरबेस की सटीक लोकेशन प्राप्त की थी. साथ ही ओपन सोर्स मैपिंग टूल्स की मदद से लेआउट तैयार किया गया. इस टूल्स की मदद से सैटेलाइट इमेज प्राप्त की गई. जिससे हमले में टारगेटिंग में मदद मिल सके.
क्या गूगल मैप के बिना सेना है अधूरी
भारतीय सैन्य अभियान पूर्ण रूप से गूगल मैप पर आधारित नहीं होते. भारतीय वायु सेना ने राफेल जेट्स, S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और स्कैल्प क्रूज मिसाइल में पहले से ही टारगेटिंग सिस्टम मौजूद रहता है. गूगल मैप्स केवल बेसिक इंफो दे पाता है. लेकिन फील्ड में टारगेटिंग सिस्टम ही काम करते हैं.
आखिर क्या वजह है बैन लगाने की
अगर पाक गूगल मैप पर बैन लगाता है तो उसके पीछे उसका मुख्य कारण रहेगा कि उसका डाटा शेयर ना हो सके. यानी जिस प्रकार ऑपरेशन सिंदूर में लोकेशन को सेट किया गया. वह लोकेशन किसी और ऑपरेशन में भारत के पास ना जा पाए. यही कारण था कि चीन ने 2010 में गूगल मैप को बैन किया था.