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Zuckerberg's School for Daughters: चार टीचर और 14 बच्चे... अपनी बेटियों के लिए घर में ही प्राइवेट स्कूल चला रहे ज़करबर्ग, जानिए क्यों है खास

दरअसल ज़करबर्ग ने सबसे पहले पालो ऑल्टो में 11 घर खरीदे और इन सबको मिलाकर अपने लिए एक 'आवासीय परिसर' तैयार किया. इन्हीं में से एक घर को अपनी बेटियों का स्कूल बना दिया. इसके पीछे उनकी सोच थी कि बच्चियों को स्कूल जाने के लिए घर से बाहर न निकलना पड़े और प्राइवेसी भी बनी रहे. 

Mark Zuckerberg Mark Zuckerberg

किंवदंती है कि एक बार जब कोलंबिया के ड्रग लॉर्ड पाब्लो एस्कोबार पुलिस से बचने के लिए पहाड़ों में छिपे हुए थे तब उन्होंने अपने परिवार को ठंड से बचाने के लिए साथ रखे दो अरब डॉलर के बराबर नोट जला दिए थे. अगर किसी भी शख्स के पास ढेर सारा पैसा हो तो वह इसे अपने परिवार की सहूलत के लिए ही इस्तेमाल करेगा और उन्हें बेहतर से बेहतर सुरक्षा देने की कोशिश करेगा.

कुछ ऐसा ही किया है मेटा के फाउंडर और सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने. ज़करबर्ग ने कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो में अपने आवासीय परिसर में यह स्कूल खोला है. इस स्कूल में ज़करबर्ग की दो बेटियों के अलावा करीब 12 अन्य बच्चों को खास शिक्षा मिल रही है, लेकिन इसे लेकर एक विवाद भी खड़ा हो गया है. ज़करबर्ग का स्कूल क्यों खुला, क्यों खास है और यह विवाद क्यों उठा, आइए जानते हैं. 

ज़करबर्ग का 'बिकेन बेन  स्कूल'
ज़करबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चैन ने कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो में अपने घर पर बिकेन बेन स्कूल (BBS नाम से एक निजी स्कूल शुरू किया है. यह स्कूल उनकी तीन बेटियों मैक्सिमा, ऑगस्ट, और ऑरेलिया में से दो बेटियों और लगभग बारह अन्य बच्चों के लिए शुरू किया गया था. इस जानकारी का खुलासा हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में हुआ है. ज़करबर्ग ने यह स्कूल कैसे बनाया, यह कहानी भी दिलचस्प है.

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दरअसल ज़करबर्ग ने सबसे पहले पालो ऑल्टो में 11 घर खरीदे और इन सबको मिलाकर अपने लिए एक 'आवासीय परिसर' तैयार किया. इन्हीं में से एक घर को अपनी बेटियों का स्कूल बना दिया. इसके पीछे उनकी सोच थी कि बच्चियों को स्कूल जाने के लिए घर से बाहर न निकलना पड़े और प्राइवेसी भी बनी रहे. 

क्यों बनाया नया स्कूल?
BBS को आधिकारिक तौर पर एक निजी स्कूल के रूप में वर्गीकृत किया गया था. लेकिन ज़करबर्ग और चैन के प्रवक्ता एरॉन मैकलीर ने इसे "होम-स्कूलिंग पॉड" बताया है. यह स्कूल माँटेसरी पद्धति पर आधारित है यानी यहां बच्चे किताबों को पढ़कर या किसी स्क्रीन को देखकर नहीं सीखते. बल्कि चीज़ों को छूकर और अपने अनुभवों से सीखते हैं. यहां 14 बच्चों को पढ़ाने के लिए चार टीचर, एक एडमिनिस्ट्रेटर और एक हेल्पर भी है. 

स्कूल के साथ हुआ विवाद
BBS का संचालन पालो ऑल्टो के क्रेसेंट पार्क क्षेत्र में ज़करबर्ग के घर में हो रहा था, जो एक रिहायशी इलाका है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय नियम इसकी इजाज़त नहीं देते कि रिहायशी इलाके में स्कूल चलाया जाए. पालो ऑल्टो में निजी घरों में व्यावसायिक गतिविधियां (जैसे स्कूल चलाना) बिना विशेष अनुमति के प्रतिबंधित हैं.

ज़करबर्ग के पड़ोसियों ने कोविड-19 के वक्त यह देखा था कि कई लोग सुबह बच्चों को उनके यहां छोड़कर जाते हैं और दोपहर तक उन्हें वापस ले जाते हैं. लोगों को शक हुआ कि ज़करबर्ग यहां एक स्कूल चला रहे हैं और उनका शक सही निकला. उन्होंने पालो ऑल्टो के प्लानिंग और डेवलपमेंट डायरेक्टर जॉनथन लैट को एक खत भी लिखा.

लैट ने यह स्वीकार किया कि यह स्कूल नियमों के खिलाफ है लेकिन इसपर कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब न्यूयॉर्क टाइम्स में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद ज़करबर्ग और चैन के प्रवक्ता ऐरन मेक्लियर ने कहा है कि वह इस स्कूल को क्रेसेंट पार्क से किसी दूसरी जगह ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. 

BBS का संचालन तब और चर्चा में आया जब ज़करबर्ग और चैन ने ईस्ट पालो ऑल्टो में कम आय वाले परिवारों के लिए शुरू किया गया द प्राइमरी स्कूल बंद करने का फैसला किया. इस बंद से स्थानीय समुदाय में नाराजगी फैली और उसी समय बीबीएस की खबर ने लोगों का ध्यान खींचा. आलोचकों का कहना है कि ज़करबर्ग ने अपनी बेटियों के लिए एक विशेष स्कूल चलाया, जबकि कम आय वाले बच्चों का स्कूल बंद कर दिया गया. इससे उनकी सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल उठे हैं.