हिंदू धर्म में सुहाग का सर्वोच्च प्रतीक सिंदूर को माना जाता है. महिलाएं सिंदूर को सौभाग्य और शृंगार के लिए प्रयोग करती हैं. शैलेंद्र पांडे बता रहे हैं कि सिंदूर का महत्व क्या है, इसकी विशेषताएं क्या हैं और सिंदूर के प्रयोग से आप बहुत सारे कामों में सफलता कैसे पा सकते हैं?
सिंदूर का धार्मिक महत्व
सिंदूर मुख्यतः नारंगी रंग का होता है. महिलाएं इसे सौभाग्य के लिए और शृंगार के लिए प्रयोग में लाती हैं. यदि हम हिंदू परंपरा की बात करें तो बिना सिंदूर के विवाह की कल्पना नहीं की जा सकती. ज्योतिष में सिंदूर को मंगल ग्रह से जोड़ा जाता है इसीलिए सिंदूर शुभता का और मंगलमय का प्रतीक है. हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना और सिंदूर का लेपन करना अत्यंत शुभ माना जाता है.
जब हनुमान जी ने पूरे शरीर में लगा लिया था सिंदूर
ऐसी कथा आती है कि हनुमान जी ने सीता माता को सिंदूर लगाते हुए देखा तो उन्होंने पूछा कि आप सिंदूर क्यों लगाती हैं? इस पर सीता माता ने कहा कि इससे प्रभु प्रसन्न होते हैं, उनकी आयु लंबी होती है. इसके बाद हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया ताकि प्रभु राम उनके ऊपर प्रसन्न हो सकें. इसके बाद से हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना शुभ माना जाता है. सामान्यतः पूजा में तीन देवी-देवता ऐसे हैं, जिनको सिंदूर अर्पित किया जाता है. हनुमान जी, गणपति भगवान और देवी मां को सिंदूर अर्पित किया जाता है. इनको सिंदूर अलग से अर्पित करने की परंपरा है.
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने के नियम
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को सिंदूर अर्पित करना चाहिए. यदि मंगल आपकी कुंडली में बाधा दे रहा है या जीवन में कोई विशेष संकट आ गया है तो हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करना चाहिए. पुरुष हनुमान जी को सिंदूर अर्पित कर सकते हैं और सिंदूर का लेपन भी कर सकते हैं. महिलाओं को हनुमान जी को सिंदूर अर्पित नहीं करना चाहिए. महिलाओं के लिए बेहतर होगा कि वो सिंदूर के स्थान पर हनुमान जी को लाल फूल अर्पित करें.
देवी को सिंदूर अर्पित करने के नियम
देवी को प्रसन्न करने के लिए बुधवार या शुक्रवार को सिंदूर अर्पित किया जाता है. देवी को सिंदूर अर्पित करने से विवाह जल्दी होता है और वैवाहिक जीवन की मुश्किलें दूर हो जाती हैं. महिलाएं स्नान करके प्रातःकाल देवी को सिंदूर अर्पित कर सकती हैं. यदि विवाहिता महिला हैं तो माता गौरी को सिंदूर अर्पित करने के बाद स्वयं को सिंदूर लगा सकती हैं. महिलाएं देवी मां की मांग में सिंदूर लगा सकती हैं. पुरुष देवी को सिंदूर अर्पित नहीं कर सकते. पुरुष देवी को लाल फूल अर्पित करेंगे तो वो उनके लिए बेहतर होगा.
सिंदूर के चमत्कारी प्रयोग
यदि बार-बार आपकी नौकरी छूट जाती है या बार-बार नौकरी में बदलाव करना पड़ता है तो सिंदूर का आप कैसे प्रयोग करेंगे, आइए जानते हैं. किसी भी मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाएं, हनुमान जी के चरणों का सिंदूर ले आएं. इसके बाद एक चौकोर सफेद कागज पर उस सिंदूर से स्वस्तिक बनाएं और इस कागज को अपने पर्स में अपने काम करने की जगह पर रख दें. ऐसा करने के बाद आपकी नौकरी से जुड़ी हुईं तमाम समस्याएं दूर हो जाएंगी.
यदि आप कर्ज से परेशान हैं तो कर्ज से मुक्ति के लिए सिंदूर का प्रयोग आप कर सकते हैं. कर्ज से छुटकारा पाने के लिए चमेली के तेल में सिंदूर मिला लें, जितनी आपकी उम्र है उतने पीपल के पत्ते ले लें. हर पत्ते पर उसी सिंदूर से जिसमें चमेली का तेल मिलाया है उससे राम लिखें. इन पत्तों की एक माला बना लें और इस माला को मंगलवार को हनुमान जी को अर्पित कर दें. कम से कम तीन मंगलवार आपको यह प्रयोग करना चाहिए और हनुमान जी से प्रार्थना करनी चाहिए आपको कर्ज से शीघ्र से शीघ्र मुक्ति दिला दें.