केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. भले ही नई सैलरी और पेंशन लागू होने में अभी वक्त लगे, लेकिन एरियर 1 जनवरी 2026 से शुरू होने की पूरी संभावना है. 28 अक्टूबर को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक के बाद जारी प्रेस नोट में इसका संकेत दिया गया है.
सरकार ने इस बैठक में जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना देसाई की अध्यक्षता में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी. प्रेस नोट में कहा गया कि परंपरा के अनुसार हर वेतन आयोग, पिछले आयोग के लागू होने के 10 साल बाद प्रभावी होता है.
10 साल का नियम क्या कहता है?
7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था. इसी आधार पर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 1 जनवरी 2026 से प्रभावी मानी जा रही हैं. आमतौर पर हर 10 साल में वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, ऐसे में 8वें वेतन आयोग का प्रभाव 01.01.2026 से माना जाएगा.
पिछली बार क्या हुआ था?
ऐसा ही हाल 7वें वेतन आयोग के समय भी देखने को मिला था. तब नई सैलरी और पेंशन 1 जुलाई 2016 से दी गई थी, लेकिन कर्मचारियों और पेंशनर्स को जनवरी से जून 2016 तक का 6 महीने का एरियर भुगतान किया गया था.
क्यों बढ़ सकता है एरियर?
8वां वेतन आयोग 3 नवंबर 2025 को औपचारिक रूप से गठित हुआ है. सरकार ने आयोग को 18 महीने का समय दिया है. ऐसे में इसकी रिपोर्ट 2 मई 2027 तक आने की संभावना है.
इसके बाद सरकार रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और फिर अंतिम मंजूरी देगी. इस पूरी प्रक्रिया में समय लगना तय है. अगर ऐसा हुआ, तो जनवरी 2026 से लेकर 2027 के मध्य या अंत तक का एरियर कर्मचारियों को मिल सकता है. हालांकि, सरकार ने अभी आधिकारिक रूप से यह कन्फर्म नहीं किया है कि एरियर जरूर दिया जाएगा.
कर्मचारी संगठनों का क्या कहना है?
नेशनल काउंसिल (JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा का साफ कहना है कि देरी चाहे जितनी भी हो, सैलरी बढ़ोतरी की प्रभावी तारीख 1 जनवरी 2026 ही होनी चाहिए. उनका कहना है कि आयोग की प्रक्रिया लंबी हो सकती है, लेकिन इसका नुकसान कर्मचारियों को नहीं होना चाहिए.
कितने लोगों को होगा फायदा?
नए वेतन आयोग के लागू होने से केंद्र सरकार के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनर्स को सीधा लाभ मिलेगा. अनुमान है कि लेवल-1 के केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी मौजूदा 18,000 से बढ़कर लगभग 44,000 तक पहुंच सकती है.
सरकार पर कितना पड़ेगा बोझ?
7वें वेतन आयोग से सरकार पर FY17 में 1.02 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ा था. वहीं, 8वें वेतन आयोग को लेकर अनुमान है कि इसका असर 2.4 से 3.2 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है.