भारत और रूस के बीच रणनीतिक संबंधों को नई दिशा देते हुए पतंजलि ग्रुप और रूस की मॉस्को सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) साइन किया गया. राजधानी दिल्ली के लीला पैलेस होटल में हुए इस कार्यक्रम को दोनों देशों के बीच हेल्थ, वेलनेस, मेडिकल रिसर्च और टूरिज्म सेक्टर में सहयोग का ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. बाबा रामदेव और मॉस्को सरकार के मंत्रियों की मौजूदगी में यह समझौता हुआ. इस करार पर हस्ताक्षर पतंजलि ग्रुप की ओर से योगगुरु स्वामी रामदेव और मॉस्को सरकार की ओर से इंडिया-रशिया बिजनेस काउंसिल के चेयरमैन एवं कॉमर्स मिनिस्टर सर्गी चेरेमिन ने किए. कार्यक्रम का माहौल उत्साह, सहयोग और भविष्य की संभावनाओं से भरा रहा.
रूस के राष्ट्रपति पुतिन के दल का हिस्सा थे सर्गी चेरेमिन
सर्गी चेरेमिन हाल ही में भारत आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शिष्टमंडल का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने पतंजलि के साथ हुए इस MoU को ‘भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी का स्वाभाविक विस्तार’ बताया. चेरेमिन ने कहा कि योग और वेलनेस के क्षेत्र में भारत का योगदान अद्वितीय है. पतंजलि के साथ यह साझेदारी रूस में हेल्थ रेवॉल्यूशन की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी.
दुनिया को स्वस्थ बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम
स्वामी रामदेव ने कहा कि दुनिया को स्वस्थ बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम है. स्वामी रामदेव ने मॉस्को सरकार के सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि यह समझौता दोनों देशों के लोगों को स्वास्थ्य और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगा. उन्होंने कहा पतंजलि और रूस मिलकर योग, आयुर्वेद और नेचुरल थेरेपी पर संयुक्त रिसर्च करेंगे. यह सहयोग विश्वभर में वेलनेस सेक्टर में नई मिसाल कायम करेगा. रामदेव ने यह भी उल्लेख किया कि भारत और रूस के बीच भावनात्मक जुड़ाव मजबूत है और भारतीय जनता राष्ट्रपति पुतिन को विशेष सम्मान देती है.
MoU से क्या-क्या बदलेगा?
1. यह समझौता दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में लंबी अवधि का सहयोग सुनिश्चित करेगा.
2. हेल्थ व वेलनेस सेक्टर को बढ़ावा.
3. योग, आयुर्वेद और नेचुरल थेरेपी पर संयुक्त रिसर्च.
4. मेडिकल व वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा.
5. स्किल्ड मैनपावर एक्सचेंज और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स.
6. दोनों देशों के विशेषज्ञों का आदान-प्रदान.
7. नई टेक्नोलॉजी और रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर सहयोग.
संबंधों में नया अध्याय
भारत और रूस के दशकों पुराने संबंधों में यह MoU एक नया अध्याय जोड़ता है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में वैश्विक वेलनेस इंडस्ट्री में भारत और रूस की भूमिका और मजबूत होगी.
(सुशांत मेहरा की रिपोर्ट)