दुनिया भर में लग्जरी होटलों की चेन चलाने वाली शांग्री-ला एशिया ने अपनी नई बॉस की घोषणा कर दी है! 47 साल की क्वोक हुई क्वॉन्ग 1 अगस्त 2025 से कंपनी की चेयरपर्सन और CEO बनेंगी. 11.4 बिलियन डॉलर की संपत्ति वाले मलेशिया के सबसे अमीर शख्स की बेटी, हार्वर्ड से पढ़ी हैं.
शांग्री-ला होटल चेन कितनी बड़ी है?
शांग्री-ला एशिया दुनिया की सबसे बड़ी लग्ज़री होटल चेन में से एक है. इसके पास 100 से अधिक होटल, 25,000 कर्मचारी, और करीब 13.2 बिलियन डॉलर की संपत्ति है. यह कंपनी हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है.
2024 में कंपनी की कमाई 2.19 बिलियन डॉलर रही, जो पिछले साल से 2% ज्यादा है. लेकिन मुनाफा 12.3% कम होकर 161.4 मिलियन डॉलर रहा. हॉन्गकॉन्ग और फिलीपींस में अच्छा प्रदर्शन रहा, लेकिन चीन, सिंगापुर और यूके में कमजोर नतीजों ने मुनाफे को प्रभावित किया. कंपनी में 25,500 कर्मचारी हैं, और कोविड के दौरान भी क्वोक ने न्यूनतम छंटनी की, जो उनकी नेतृत्व शैली को दर्शाता है.
क्वोक हुई क्वॉन्ग ने कंपनी में क्या-क्या जिम्मेदारियां संभाली हैं?
क्वोक 2016 से एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, 2017 से चेयरपर्सन, और अब CEO बनेंगी. इससे पहले वे साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की CEO और बैंकॉक पोस्ट की डायरेक्टर भी रह चुकी हैं.
क्या क्वोक मीडिया से दूर रहती हैं?
हां, क्वोक काफी प्राइवेट लाइफ जीती हैं. वे इंटरव्यू देने से बचती हैं और अपनी पर्सनल लाइफ को सुर्खियों से दूर रखती हैं. लेकिन उनकी लीडरशिप और मेहनत ने उन्हें बिजनेस की दुनिया में एक मिसाल बना दिया है.
शांग्री-ला की कमाई और मुनाफे का हाल क्या है?
2024 में कंपनी की कमाई 2.19 बिलियन डॉलर रही, जो पिछले साल से 2% ज्यादा है. हालांकि, मुनाफा 12.3% घटकर 161.4 मिलियन डॉलर रह गया. हॉन्गकॉन्ग और फिलीपींस में अच्छा प्रदर्शन हुआ, लेकिन चीन और यूके में थोड़ी गिरावट रही.
क्वोक की सैलरी और हिस्सेदारी कितनी है?
क्वोक को हर महीने करीब $73,000 (61 लाख रुपये) सैलरी मिलती है, साथ में बोनस और पेंशन भी. उनके पास शांग्री-ला में 95.57 मिलियन शेयर हैं और वे केरी ग्रुप में भी 5% से ज्यादा हिस्सेदारी रखती हैं.
क्या क्वोक के भाई ने कंपनी छोड़ी है?
हां, 2023 में उनके भाई ने कंपनी छोड़ी, जिसके बाद क्वोक ने शांति से कंपनी की कमान संभाली और उसे आगे बढ़ाया.
क्वोक ने पारिवारिक विरासत, शिक्षा और नेतृत्व के जरिये यह साबित किया कि एक महिला भी किसी भी अंतरराष्ट्रीय कंपनी को लीड कर सकती है. उनका यह सफर युवाओं और खासकर महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.