शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी सोमवार से नई जीएसटी व्यवस्था लागू हो गई है. इससे रोजमर्रा की जरूरत की लगभग 90 प्रतिशत चीजें सस्ती हो गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए बताया कि 375 से ज्यादा चीजें सस्ती हुई हैं. जीएसटी कम होने से लोगों के लिए घर बनाना, टीवी, फ्रिज, बाइक और स्कूटर में कम खर्च करना होगा. घूमना-फिरना भी सस्ता होगा.
GST की नई व्यवस्था और स्लैब
नई जीएसटी व्यवस्था में अब सिर्फ सिर्फ दो टैक्स स्लैब 5% और 18% ही रहेगा. रोजमर्रा और खाने-पीने की चीजें सस्ती हो जाएंगी या तो टैक्स फ्री होंगी या 5% टैक्स देना होगा. जिन सामानों पर 12% लगता था उनमें से 99% चीजें अब 5% टैक्स के दायरे में आ गई हैं. वहीं अल्ट्रा लग्जरी वस्तुओं पर 40% टैक्स लागू होगा. इसका उद्देश्य आम जनता तक जीएसटी कटौती का पूरा लाभ पहुंचाना और बाजार को सरल बनाना है.
क्या आज से बाजार में घटी हुई एमआरपी नजर आएगी?
नहीं. बाजार में तुरंत हर चीज पर घटी हुई एमआरपी नहीं दिखाई देगी. दुकानदारों के पास पुराने स्टॉक हैं जिन पर पुरानी एमआरपी लगी हुई है. सरकार ने साफ किया है कि सामान पर घटे हुए दरों का स्टिकर लगाना अनिवार्य नहीं है.
क्या पुराने स्टॉक का सामान खरीदने पर GST कटौती का लाभ मिलेगा?
हां. पुराने स्टॉक वाला सामान खरीदने पर भी ग्राहक को पूरी कटौती का फायदा मिलेगा. सरकार ने निर्देश दिया है कि 22 सितंबर से घटे हुए GST रेट वाले सामान को दुकानदार सस्ते दाम पर ही बेचे.
क्या पुराने स्टॉक को सस्ते दाम पर बेचने से दुकानदार को घाटा होगा?
नहीं. दुकानदार को घाटा नहीं होगा. जीएसटी रिटर्न फाइल करते समय दुकानदार पुराने स्टॉक के सस्ते बिक्री की कटौती को एडजस्ट कर लेंगे.
अगर दुकानदार रेट नहीं घटाता है तो क्या करें?
कुछ दुकानदार अभी भी जीएसटी घटने के बाद रेट कम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सरकार ने कदम उठाए हैं ताकि उपभोक्ताओं तक फायदा पहुंचे. 22 सितंबर से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन और आईएनजीआरएएम पोर्टल पर GST से जुड़ी शिकायतों के लिए अलग श्रेणी बनाई गई है.
शिकायत करने का तरीका
टोल-फ्री नंबर 1800-11-4000 या 14404 पर कॉल करें.
www.ingram.gov.in पर लॉगिन कर “GST Complaint” कैटेगरी चुनें.
शिकायत में दुकान का नाम, पता और खरीदी गई वस्तु का विवरण दें.
अगर संभव हो तो बिल या फोटो अपलोड करें.
विशेषज्ञों का कहना है कि उपभोक्ताओं को खुद भी सतर्क रहना चाहिए. खरीदारी के समय बिल जरूर लें और चेक करें कि GST रेट सही है या नहीं. दुकानदार यदि रेट नहीं घटाता है तो तुरंत शिकायत दर्ज करें.
दुकानदार ने GST कटौती के बाद कीमत में पूरी छूट दी है या नहीं, कैसे जांच सकते हैं?
खरीदारी के समय बिल जरूर लें.बिल पर GST दर और मूल कीमत देखें. यदि नई GST दर लागू है, तो बिल में उसी हिसाब से कीमत दिखाई देनी चाहिए.
अगर आप जानते हैं कि किसी उत्पाद की GST कटौती के बाद कीमत कितनी होनी चाहिए, तो उसे दुकानदार द्वारा लिए गए दाम से तुलना करें.
खरीदारी के समय दुकानदार से पूछें कि क्या यह GST कटौती के बाद की कीमत है. कभी-कभी दुकानदार गलती से या जानकारी न होने के कारण रेट नहीं घटाता.