पश्चिम बंगाल में सिलिगुड़ी के पुलक जोरदार अपनी खास बागवानी के लिए मशहूर हैं. वह घर की छत पर बागीचे में सेब उगाते हैं. जोरदार ने ग्राफ्टिंग तरीके से साल 2021 में सेब उगाना शुरू किया. उन्होंने छोटे-छोटे गमलों में सेब के पौधे लगाए. उन्होंने सेब की ऐसी किस्म चुनी जो कम ऊंचे और अपेक्षाकृत ज्यादा तापमान वाली जगहों पर उगती है. इस किस्म का नाम है एचआरएमएन 99 (HRMN 99) अब उनका छोटा सा यह बाग़ फल-फूल रहा है और उनकी छत सेब से भर गई है.
क्या है एचआरएमएन-99?
एचआरएमएन-99 सेब की एक खास किस्म है जिसे हरिमन शर्मा नाम के किसान ने विकसित किया है. यह सेब कम ठंडक वाले माहौल में भी उग सकता है और इसे खास तौर पर गर्म जलवायु में उगने के लिए डिज़ाइन किया गया है. आमतौर पर सेब पहाड़ी इलाकों में और ठंडी जगहों पर उगाया जाता है, लेकिन HRMN-99 1,800 फीट से कम ऊंचाई पर भी उगाया गया है.
यह किस्म 36 से 40 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी झेल सकती है, जो इसे पारंपरिक सेब की किस्मों से अलग बनाता है. हरिमन शर्मा ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में अपने घर के पास एक बीज से यह किस्म उगाई थी. बाद में यह किस्म उनके ही नाम 'एचआरएमएन' से मशहूर हो गई. इस किस्म को पारंपरिक सेब किस्मों की तरह लंबे समय तक ठंडक की आवश्यकता नहीं होती है. एचआरएमएन-99 स्वयं परागण करने वाली किस्म भी है. इससे किसानों के लिए इसे उगाना आसान हो जाता है.
अब बंगाल में भी उग रहा एचआरएमएन-99
पुलक जोरदार अपने इस होम गार्डन के सफर के बारे में कहते हैं, "एचआरएमएन 99 हम 2021 साल से गमले में ट्राई कर रहे हैं. हमने सुना है कि ये लो ऑलटीट्यूड और हाई टेम्परेचर में हो सकता है. सिलिगुड़ी में इसे सफलता मिलेगी या नहीं, लेकिन तीन साल के बाद 14 ईंच गमले में हो रहा है. मैं काफी खुश हूं."
जोरदार का दावा है कि उनके छत पर उगाए गए सेबों का स्वाद सर्वश्रेष्ठ किस्मों से कम नहीं. पुलक कहते हैं, "एक पेड़ में लगभग 55 और दूसरे पेड़ में 40 सेब उग रहे हैं. साइज भी मन खुश करने वाला है और स्वाद भी अच्छा है. एचआरएमएन-99 में एक विशेषता है कि यह रेडिश येलो आएगा. इसका स्वाद है, ये बैलेंसिंग है."
बागवानी के कुछ जानकारों का कहना है कि जोरदार की कामयाब कोशिशों से इस इलाके में सेब की खेती का रास्ता खुल सकता है. बागवानी के जानकार कौस्तुभ बिस्वास भी पुलक की कोशिशों के कायल हैं.
बिस्वास कहते हैं, "इसकी खासियत यह है कि यह सेब हाई टेम्परेचर में होगा. उसका टेस्ट भी बहुत अच्छा है. तो आप लोग भी ट्राई कर सकते हैं. बहुत अच्छा है और इसका कमर्शियल आस्पेक्ट भी अच्छा है. कलिंगपोंड और मोंगपू में भी इस सेब की खेती हो रही है. उसका टेस्ट भी अच्छा हो रहा है." फिलहाल जोरदार का इरादा अपने शौक के वाणिज्यीकरण का नहीं है. फिर भी उनका कहना है कि अगर इलाके के लोग सेब की खेती के लिए उनसे मदद लेते हैं तो उन्हें काफी खुशी होगी.