Rules Of SIP: क्या है SIP निवेश का '7-5-3-1' नियम, करोड़ों का फंड बनाने का सबसे आसान रास्ता

यहां जानिए क्या है एसआईपी के 7‑5‑3‑1 Rule. यह फॉर्मूला उन लोगों के लिए है जो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेशक है ताकि सही और नियमित तरीके से इंवेस्ट करके बेहतर परिणाम मिल सकें. 

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST

अगर आप म्यूचुअल फंड के जरिए कम समय में ज्यादा ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो 7‑5‑3‑1 रूल एक आसान रास्ता हो सकता है, लेकिन इसके लिए आपको सही प्लानिंग की जरूरत है. यह फॉर्मूला उन लोगों के लिए है जो SIP में इंवेस्ट करते हैं.

क्या है ‘7-5-3-1’ नियम?

  • 7‑5‑3‑1 रूल में पहला नियम है कम से कम सात साल-निवेश करें, ताकि मार्केट प्रोसेज और ब्याज (compounding) का फायदा बेहतर मिल सके.

  • दूसरे नियम के तहत अपने निवेश को पांच अलग-अलग पार्ट्स में बांट लें, जैसे बड़े कैप, वैल्यू, ग्रोथ, मिड/स्मॉल कैप और शेयर बाजार. इस तरह अलग-अलग निवेश से जोखिम का खतरा कम होता है. साथ ही आपका फंड किसके अंदर है इसको भी ट्रैक करते रहें.

  • तीसरे नियम की बात करें तो इसमें निवेशक को तीन लॉस से गुजरना पड़ सकता है. जिसमें निराशा (जब रिटर्न उम्मीद के कम आए), गुस्सा (जब रिटर्न में बहुत घाटा हो) और घबराहट (जब निवेश नेगेटिव हो जाए) शामिल है. ऐसे टाइम में घबराएं नहीं यही सही टाइम है ज्यादा प्रॉफिट कमाने का. इस वक्त टिके रहना SIP में बड़ा फायदा दे सकता है.

  • चौथा नियम कहता है कि SIP में इंवेस्ट की गई राशि को हर साल बढ़ाएं. उदाहरण के लिए 5-10%. अगर आपने 10,000 रुपए से SIP की शुरुआत की है तो हर साल 1000 रुपए बढ़ा कर इंवेस्ट करें जिससे 20-25 साल में आपका फंड तेजी बढ़ेगा और फायदा ज्यादा मिलेगा. 

कैसे लागू करें?

  • शुरुआत में इक्विटी-म्यूचुअल-फंड में इंवेस्ट करना शुरू करें.
  • कम-से-कम सात साल तक नियम से निवेश को बनाए रखें और बीच में बाजार में उतार-चढ़ाव आए तो घबराएं नहीं.
  • अपने निवेश को पांच पार्ट्स में बांटें ताकि किसी एक में नुकसान हो तो दूसरा प्रॉफिट में रहे.
  • जब निवेश में शुरुआती साल में फायदा न दिखे, फिर भी हिम्मत बनाए रखें. यही वह समय है जब तीन रूल, पेशेंस की ज्यादा जरूरत पड़ती है.

हालांकि SIP का 7-5-3-1 Rule कोई मैजिक नहीं है बल्कि यह स्मार्ट तरीका है बाजार में इंवेस्ट कर पैसा कमाने का जो आपको करोड़पति तो नहीं बना सकता लेकिन लंबे समय के इंवेस्ट में पैसा डूबने से बचा सकता है. कोशिश करें कि बाजार की हलचल में आने-जाने से प्रभावित होकर जल्द फैसला न लें नियम के हिसाब से धैर्य रखना अंत में फायदेमंद साबित हो सकता है.

 

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