क्विक कॉर्मस यूनिकॉर्न ज़ेप्टो भी अब मार्केट में अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है. इसके लिए उसने मार्केट रेगुलेटर सेबी को शुरुआती कागज़ात भी जमा कर दिए है. जानकारी के लिए बता दें कि, ज़ेप्टो आईपीओ के ज़रिए 11,000 करोड़ रुपए रेज़ करना चाहता है. ज़ेप्टो ने आईपीओ के लिए सेबी को अपने कागज़ात कॉन्फीडेंशियल तरीके से दिए हैं. हालांकि यह जानकारी उस लोगों द्वारा बाहर आई है, जो डेवलपमेंट प्रोसेस से रूबरू हैं.
कब आएगा आईपीओ?
बता दें कि जे़प्टो अपना आईपीओ स्टॉक मार्केट में आगामी वर्ष में लेकर आएगा. ज़ेप्टो का अगर आईपीओ सफलतापूर्वक मार्केट में आ जाता है, तो वह उन स्टार्टअप में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने कम समय में खुद को भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवा लिया होगा.
इस प्रोसेस के जानकार लोगों के अनुसार, ज़ेप्टो ने सेबी और स्टॉक एक्सचेजों के साथ आईपीओ के ड्राफ्ट को साझा किया है, जिसमें उसके इक्विटी शेयर को पब्लिक के लिए स्टॉक एक्सचेंज के साथ साझा किया गया है.
ज़ेप्टो ने चुना कॉन्फिडेंशियल रूट
ज़ेप्टो ने अपने ड्राफ्ट को सेबी के साथ कॉन्फिडेंशियल रूट से माध्यम से साझा किया है. इस रूट का फायदा यह होता है कि किसी भी प्रकार की जानकारी बाहर नहीं आती है. साथ ही किसी भी प्रकार का फीडबैक होता है, तो ड्राफ्ट को उसके अनुसार दोबारा तैयार किया जा सकता है.
ज्यादातर कंपनियां मार्केट में अपना आईपीओ लाने से पहले इसी रूट को लेती है. इससे उनका ड्राफ्ट मार्केट में आईपीओ के रूप में आने से पहले सभी प्रकार के सुझाव और सुधार से गुज़र चुका होता है.
कितनी है ज़ेप्टो की वैल्यूएशन?
ज़ेप्टो 7 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर अपनी स्थापना के बाद से अबतक 1.8 अरब डॉलर रेज़ कर चुका है. यानी करीब 16 हज़ार करोड़ रुपए. अक्टूबर 2025 में कंपनी ने कैलिफॉर्निया पब्लिक एम्पलॉय रिटायरमेंट सिस्टम द्वारा 450 मिलियन डॉलर (करीब 3757.75 करोड़ रुपए) की फंडिंग की थी.
उससे पहले ज़ेप्टो अगस्त 2023 में अपने सीरीज़ ई फंडिंग राउंड में 200 मिलियन डॉलर रेज़ कर चुका था. उस समय कंपनी की वैल्यूएशन 1.4 अरब डॉलर आंकी गई थी. हालांकि सितंबर 2025 तक कंपनी के 900 से ज्यादा अवैध स्टोर थे, जहां से कंपनी ने करीब 26 हजार करोड़ रुपए की सेल की.