UPSC New Chairman: कौन हैं Ajay Kumar... रक्षा मंत्रालय में रहे सचिव... CDS का बनाया पद... लाए अग्निवीर स्‍कीम... अब UPSC के चेयरमैन की मिली जिम्मेदारी 

UPSC New Chairman Ajay Kumar: डॉ. अजय कुमार का जन्म 2 अक्टूबर 1962 को हुआ था. उन्होंने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. उन्होंने मिनेसोटा विश्वविद्यालय के कार्लसन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की है. वह 23 अगस्त 2019 से 31 अक्टूबर 2022 तक रक्षा सचिव रह चुके हैं.

UPSC New Chairman Ajay Kumar (File Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST
  • डॉ. अजय कुमार केरल कैडर के 1985 बैच के हैं आईएएस अधिकारी 
  • अगस्त 2019 से अक्टूबर 2022 तक रह चुके हैं रक्षा सचिव 

UPSC Chairman: संघ लोक सेवा आयोग यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) का नया चेयरमैन पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार को नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है.

यह नियुक्ति केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के आदेश के तहत की गई है. डॉ. अजय कुमार 1 अक्टूबर 2027 तक यूपीएससी के चेयरमैन पद पर कार्यरत रहेंगे. डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति प्रीति सूदन के स्थान पर हुई है, जिनका कार्यकाल गत 29 अप्रैल को समाप्त हो गया था.

कौन हैं डॉ. अजय कुमार
डॉ. अजय कुमार का जन्म 2 अक्टूबर 1962 को हुआ था. उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. इसके बाद डॉ. अजय कुमार ने अमेरिका स्थित मिनेसोटा विश्वविद्यालय के कार्लसन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की है.

उन्होंने इसी विश्वविद्यालय से एप्लाइड इकोनॉमिक्स में एमएस की डिग्री भी प्राप्त की है. डॉ. अजय कुमार शुरू से पढ़ाई में काफी तेज थे. उन्हें IIT कानपुर के विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार और एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा दर्शनशास्त्र में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें लगातार दो सालों तक ग्रेजुएट स्कूल फेलोशिप मिली और उन्होंने मात्र तीन वर्षों में पीएचडी और एमएस पूरी कर एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल की.

रह चुके हैं रक्षा सचिव के पद पर 
डॉ. अजय कुमार केरल कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह अक्टूबर 2022 में रक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने 23 अगस्त 2019 से 31 अक्टूबर 2022 तक रक्षा सचिव के रूप में काम किया. वह रक्षा मंत्रालय में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सचिव भी रहे हैं. डॉ.अजय कुमार रक्षा उत्पादन विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के महानिदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया है. 

मिल चुके हैं कई पुरस्कार
डॉ. अजय कुमार रिटायरमेंट के बाद कई स्टार्टअप्स से मेंटोर के तौर पर भी जुड़े. वह IIT कानपुर में विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं. डॉ. अजय कुमार को कई पुरस्कार मिल चुके हैं. इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स लीडर ऑफ ईयर- 2013, नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी से ऑनरेरी डॉक्टरेट- 2019, एशिया पोस्ट का टॉप 50 एग्जीक्यूटिव ब्यूरोक्रेट्स- 2019, IIT कानपुर से डिश्‍टिंग्‍विष्‍ट एलुमिनाई- 2019, इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग में फेलो-2021.

डॉ. अजय कुमार ने ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद बनाया. इन्होंने ने ही आत्मनिर्भर भारत पहल, अग्निवीर स्कीम लाए और ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज को री-स्ट्रक्चर किया. डॉ. अजय कुमार का UPI, आधार, myGOV और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस को लागू करने में अहम रोल रहा. 

अनुराधा प्रसाद को बनाया गया UPSC का मेंबर
आपको मालूम हो कि UPSC में चेयरमैन के अलावा अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं. वर्तमान में आयोग में सदस्यों के दो पद रिक्त हैं. पूर्व नौकरशाह अनुराधा प्रसाद को भी UPSC का मेंबर बनाया गया है. अनुराधा प्रसाद 1986 बैच की ओडिशा कैडर की अधिकारी हैं. वह कई पदों पर रह चुकी हैं. 

ऐसे होती है नियुक्ति 
देश के राष्ट्रपति यूपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति करते हैं. संविधान 316 (1) के तहत ये नियुक्ति की जाती है. सदस्य के तौर पर कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं, जिन्हें भारत या राज्य की सरकार के तहत कम से कम 10 साल का अनुभव होता है.

राष्ट्रपति के पास ही अध्यक्ष को हटाने की पावर होती है. संघ लोक सेवा आयोग भारत की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है. इसके माध्यम से IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा), IFS (भारतीय विदेश सेवा), IPS (भारतीय पुलिस सेवा) और कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है. UPSC चेयरमैन अपने पद पर 6 साल तक या 65 साल की उम्र तक बना रहता है.

 

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