केरल के प्रसिद्ध गुरुवायूर श्री कृष्ण मंदिर में हाल ही में एक वीडियो विवाद ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है. बिग बॉस मलयालम सीजन 6 की फाइनलिस्ट जास्मिन जाफ़र पर मंदिर के पवित्र तालाब में पैर धोते हुए रील शूट करने का आरोप लगा है. इस घटना ने न केवल भक्तों को नाराज किया, बल्कि मंदिर प्रबंधन को शुद्धिकरण अनुष्ठान करने पड़े. आइए जानते हैं जास्मिन जाफर के बारे में और इस विवाद की पूरी कहानी.
कौन हैं जास्मिन जाफ़र?
जास्मिन जाफर एक लोकप्रिय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, यूट्यूबर और रियलिटी शो कंटेस्टेंट हैं. 24 वर्षीय जास्मिन केरल की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी खूबसूरती, फैशन और लाइफस्टाइल से जुड़े वीडियो के जरिए लाखों फॉलोअर्स कमाए हैं. उनके यूट्यूब चैनल पर 1.6 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं, जबकि इंस्टाग्राम पर 1.5 मिलियन फॉलोअर्स हैं.
जास्मिन को असली पहचान मिली थी बिग बॉस मलयालम सीजन 6 से, जहां वह सेकंड रनर-अप रहीं. शो के दौरान उनकी सह-कंटेस्टेंट गैब्री जोस के साथ नजदीकी ने खूब सुर्खियां बटोरीं. उस समय जास्मिन की अफसल अमीर से सगाई हो चुकी थी, लेकिन शो के बाद उनका रिश्ता टूट गया. अफसल ने सोशल मीडिया पर जास्मिन पर चीटिंग का आरोप लगाया था. जास्मिन मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो इस विवाद में एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
विवाद की शुरुआत 20 अगस्त 2025 को हुई, जब जास्मिन ने गुरुवायूर मंदिर का दौरा किया. गुरुवायूर मंदिर 'दक्षिण की द्वारका' कहा जाता है. यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और सालाना लाखों भक्तों को आकर्षित करता है. मंदिर के नियम सख्त हैं: गैर-हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है, खासकर नादापंथल (बाहरी आंगन) और रुद्र तीर्थम (पवित्र तालाब) में.
तालाब में भगवान कृष्ण का स्नान अनुष्ठान होता है जो अत्यंत पवित्र माना जाता है. केरल हाईकोर्ट ने 2024 में वीडियोग्राफी पर सख्ती बरतते हुए इसे विशेष सुरक्षा क्षेत्र घोषित किया था. कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि मंदिर के आंतरिक हिस्सों में वीडियो शूटिंग की अनुमति नहीं है, सिवाय धार्मिक अनुष्ठानों या विवाह समारोहों के.
जास्मिन कसावू साड़ी पहनकर मंदिर पहुंची और तालाब में पैर धोते हुए एक इंस्टाग्राम रील शूट की. वीडियो में वह फूलों के साथ पोज देती नजर आईं. सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर होने के बाद भक्तों ने जास्मिन की तीव्र आलोचना की. कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया.
विवाद बढ़ा तो मांगी माफी
सोशल मीडिया पर जास्मिन जाफ़र और गुरुवायुर मंदिर जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे. ट्विटर (अब एक्स) पर यूजर्स ने लिखा, "मंदिर रील बनाने की जगह नहीं है. यह कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है." एक यूजर ने कहा, "गैर-हिंदू का प्रवेश और वीडियो शूटिंग ने पवित्रता को ठेस पहुंचाई."
विवाद बढ़ने पर जास्मिन ने वीडियो डिलीट कर दिया और इंस्टाग्राम स्टोरी पर माफी मांगी. उन्होंने लिखा, "मेरे चाहने वालों और सभी को, मैं समझती हूं कि मेरे वीडियो से दुख पहुंचा. मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था. अज्ञानता से हुई गलती के लिए क्षमा चाहती हूं."
कानूनी दांव में फंसीं जास्मिन
मंदिर प्रबंधन ने इसे हल्के में नहीं लिया. देवास्वोम एडमिनिस्ट्रेटर ओ.बी. अरुण कुमार ने 23 अगस्त को मंदिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा गया कि जास्मिन के कार्य ने मंदिर की पवित्रता का उल्लंघन किया और हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की. पुलिस ने कोर्ट को सूचित किया कि मामला दर्ज किया जाएगा.
इसके बाद 26 अगस्त को मंदिर ने शुद्धिकरण अनुष्ठान (पुण्याहवाचनम) शुरू किया. इसमें 18 पूजाएं और 18 शीवेली दोहराई गईं, जो छह दिनों तक चलेगी. सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक दर्शन प्रतिबंधित रहे. मुख्य पुजारी (तंत्रि) के निर्देश पर ये अनुष्ठान हुए और खर्च देवास्वोम फंड से उठाया गया, लेकिन बाद में जास्मिन से वसूली की कोशिश होगी.