उत्तर प्रदेश के लखनऊ के दो युवाओं ने सोशल मीडिया को करियर बनाकर न सिर्फ अपनी पहचान बनाई, बल्कि आय का मजबूत जरिया भी तैयार किया. मोहम्मद तकी अब्बास और आध्या श्रीवास्तव उर्फ ‘बुआ जी’ की कहानी इस बात का सबूत है कि जुनून और क्रिएटिविटी से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है.
लखनऊ अनकवर्ड से विरासत को दी नई पहचान-
मोहम्मद तकी अब्बास ने 2022 में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के रूप में कदम रखा. उन्होंने अपना इंस्टाग्राम पेज Lucknow Uncovered लॉन्च किया, जिसका मकसद लखनऊ की विरासत, इतिहास और असली पहचान को सामने लाना था.
अब्बास का कहना है कि बचपन से मैंने अपने घर पर फिल्म शूटिंग देखी है. उमराव जान जैसी बड़ी फिल्में यहां शूट हुईं और रेखा, दिलीप कुमार, नवाब पटौदी जैसे बड़े कलाकार घर आ चुके हैं. लेकिन महसूस हुआ कि लखनऊ की चर्चा अक्सर सिर्फ इमामबाड़ा और इदरीश बिरयानी तक सीमित रहती है, जबकि यहां की कहानी इससे कहीं आगे है. उन्होंने अपने पेज पर सोच-समझकर हेरिटेज से जुड़े पोस्ट डाले, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. नतीजा यह हुआ कि उनकी फॉलोइंग और रीच तेजी से बढ़ी. आज उनकी इंस्टाग्राम इनकम उनकी विज्ञापन कंपनी के बराबर पहुंच चुकी है. पहला पेड प्रमोशन एक लहंगे का था, जिसकी ज़रदोसी कारीगरी के लिए उन्होंने ₹30,000 चार्ज किए. अब्बास बताते हैं कि वे किसी भी ब्रांड को बिना सोचे-समझे प्रमोट नहीं करते, क्योंकि उनका पेज रंग और विरासत से जुड़ा हुआ है. आज वे शुरुआती रकम से 8-10 गुना अधिक चार्ज करते हैं.
आध्या को मिली सोशल मीडिया से स्टारडम-
आध्या श्रीवास्तव, जो सोशल मीडिया पर ‘बुआ जी’ के नाम से मशहूर हैं, ने महज दो साल पहले अपने पति के कहने पर पहला वीडियो अपलोड किया. इस वीडियो ने उन्हें पहली बार पेड प्रमोशन दिलाया.
आध्या बताती हैं कि बुआ जी का किरदार खुशमिजाज और घर-परिवार से जुड़ा है. पहले जो मजाक-मस्ती मैं घर में करती थी, वही अब सोशल मीडिया पर लोगों को हंसी और अपनापन दे रहा है. उनका पहला कोलैबोरेशन 10-12 हजार रुपये का था. हालांकि, पहली कमाई की खुशी अलग ही थी. आज उनकी टीम ब्रांड डील्स तय करती है और शुरुआती रकम की तुलना में उनकी फीस कई गुना बढ़ चुकी है.
सोशल मीडिया का बदलता चेहरा-
मोहम्मद तकी अब्बास और बुआ जी की सफलता यह साबित करती है कि सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं, बल्कि गंभीर करियर विकल्प बन चुका है. सही कंटेंट, निरंतर मेहनत और ऑथेंटिक आइडिया के साथ कोई भी अपनी पहचान बना सकता है.
(अंकित मिश्रा की रिपोर्ट)
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