न बारिश ने रास्ता रोका न धूप की तपिश हौसलों को तोड़ पाई! मेरठ से बेंगलुरु तक 2,300 KM साइकिल चलाकर अजीम प्रेमजी से मिलने पहुंचा युवक

मेरठ के मोनिश राणा इन दिनों चर्चा में हैं.  मोनिश ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसे सुनकर हर कोई उनसे प्रेरणा लेना चाहता है. तपती धूप, मूसलाधार बारिश और रास्ते की तमाम परेशानियों को पार करते हुए मोनिश ने 2,300 किलोमीटर की दूरी 25 दिन में तय की है वो भी साइकिल से.

Man Cycles 2,300 KM to Meet Wipro Chairman
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:44 PM IST
  • 25 दिन, 2,300 KM और एक सपना लेकर निकला मोनिश
  • सपनों की तलाश में सड़कों पर निकला एक नौजवान

मेरठ के मोनिश राणा इन दिनों चर्चा में हैं.  मोनिश ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसे सुनकर हर कोई उनसे प्रेरणा लेना चाहता है. तपती धूप, मूसलाधार बारिश और रास्ते की तमाम परेशानियों को पार करते हुए मोनिश ने 2,300 किलोमीटर की दूरी 25 दिन में तय की है वो भी साइकिल से. मकसद सिर्फ Wipro के पूर्व चेयरमैन अजीम प्रेमजी और मौजूदा चेयरमैन ऋषद प्रेमजी से मिलना और उनसे प्रेरणा लेना.

विप्रो ऑफिस के बाहर खड़े मोनिश
28 साल के मोनिश राणा सोशल मीडिया पर Monish Thakur नाम से भी जाने जाते हैं. मोनिश बेंगलुरु के सर्जापुर रोड स्थित विप्रो ऑफिस के बाहर कल सुबह से खड़े हैं. तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि उनकी साइकिल पर अजीम प्रेमजी और ऋषद प्रेमजी की फोटो वाला एक बड़ा सा पोस्टर लगा है. मोनिश का कहना है कि, "मैं सिर्फ एक बार उनसे मिलना चाहता हूं, मेरी जिंदगी की सोच और प्रेरणा उन्हीं से जुड़ी है."

Tata हाउस के बाहर भी दिया था धरना
मोनिश का जुनून कोई पहली बार नहीं दिखा है. अप्रैल 2023 में भी उन्होंने मेरठ से मुंबई तक 15 दिन तक साइकिल चलाई थी. उस समय वो Tata Sons के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन से मिलना चाहते थे. तब वो तीन दिन तक बॉम्बे हाउस के बाहर खड़े रहे थे. हालांकि तब उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी, लेकिन मोनिश का हौसला नहीं टूटा.

विप्रो ऑफिस में रोका गया, अब लिख रहे हैं चिट्ठी
कल जब मोनिश प्रेमजी परिवार से मिलने विप्रो ऑफिस पहुंचे, तो उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया. बाद में सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें गेट के पास बने सिक्योरिटी ऑफिस ले जाकर कहा कि उन्हें एक अपॉइंटमेंट लेटर लिखना होगा. मोनिश ने वैसा ही किया, लेकिन 24 घंटे बीतने के बाद भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला लेकिन मोनिश भी जिद में बैठे हैं कि वो अजीम प्रेमजी से मिले बिना नहीं जाएंगे.

मोनिश का कहना है कि वो सिर्फ सेल्फी लेने नहीं आए हैं. वो इन दिग्गज बिजनेस लीडर्स से प्रेरणा लेना चाहते हैं, उनसे बात करके कुछ सीखना चाहते हैं. उनके मुताबिक, "जब युवा खुद मेहनत करता है और फिर अपने आदर्शों से मिलने की कोशिश करता है, तो उसमें एक अलग ऊर्जा आती है."

LinkedIn पर मोनिश की पोस्ट्स को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. लोग उनके हौसले की तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि आज के युवाओं को ऐसा ही फोकस और पैशन चाहिए. कई लोग विप्रो से भी अपील कर रहे हैं कि मोनिश को मिलने दिया जाए.

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