गिलहरी को कुत्तों से बचाया... जबलपुर में इंसान और गिलहरी के बीच बना अनोखा रिश्ता, नन्ही गिलहरी बनी परिवार की बेटी

अमन ने गिलहरी को 'मीनू' नाम दिया और उसे बेटी की तरह प्यार दिया. मीनू अब अमन के साथ खाना खाती है, उनके कंधे पर बैठती है और उनके साथ बाइक की सवारी करती है.

अमन के परिवार ने अब इस गिलहरी को अपना लिया है.
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 08 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

मध्य प्रदेश के जबलपुर में इंसान और गिलहरी के बीच एक ऐसा अनोखा रिश्ता देखने को मिला है, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया है. यहां अमन नाम के एक शख्स और उनके परिवार ने एक घायल गिलहरी को बचाकर उसे अपने परिवार का हिस्सा बना लिया है. आइए जानते हैं इस दिल छू लेने वाली कहानी के बारे में.

गिलहरी की जान बचाने की कहानी
दरअसल इस रिश्ते की शुरुआत तब हुई जब अमन ने यहां एक अस्पताल परिसर में घायल गिलहरी को आवारा कुत्तों से बचाया. गिलहरी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी. अमन ने उसे घर लाकर उसकी देखभाल की. उन्होंने उसे पेड़ पर छोड़ने की कोशिश की, लेकिन गिलहरी के माता-पिता उसे लेने नहीं आए. अमन जीएनटी के साथ खास बातचीत में कहते हैं, "हमें लगा कि अगर इसे छोड़ दिया तो यह भूख-प्यास से मर जाएगी. इसलिए हमने इसे घर लाने का फैसला किया."

गिलहरी बनी परिवार की बेटी 'मीनू'
अमन ने गिलहरी को 'मीनू' नाम दिया और उसे बेटी की तरह प्यार दिया. मीनू अब अमन के साथ खाना खाती है, उनके कंधे पर बैठती है और उनके साथ बाइक की सवारी करती है. अमन ने बताया, "जब उसकी आंखें खुलीं, तो उसने सबसे पहले मुझे देखा. आज भी वह मुझे अपना गार्डियन मानती है." 

अमन के परिवार ने भी मीनू को अपनाया. उनकी पत्नी ने कहा, "पहले हमें लगा कि हम उसका जीवन छीन रहे हैं. लेकिन अब वह हमारी बेटी जैसी हो गई है. हम उसे छोड़ना नहीं चाहते." मीनू अब घर की नन्ही परी बन गई है, जो हर किसी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई है.

भावनाओं का अनोखा रिश्ता
अमन और मीनू का रिश्ता इस बात का प्रमाण है कि सच्चा प्यार भाषा या प्रजाति का मोहताज नहीं होता. अमन ने कहा, "जब हम उसे दूसरी गिलहरियों से मिलवाते हैं, तो वह शांत हो जाती है. लेकिन जब हम उसे बुलाते हैं, तो वह तुरंत हमारे पास आ जाती है." यह कहानी दिखाती है कि रिश्ते केवल खून के नहीं होते, दिल के भी होते हैं. यह कहानी हमें सिखाती है कि इंसान और जानवर के बीच भावनात्मक जुड़ाव कितना गहरा हो सकता है. 

(जबलपुर से धीरज शाह की रिपोर्ट) 

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