क्या आप रोज खा रहे हैं ये आसान और टेस्टी पैकेज्ड फूड्स? सावधान! बढ़ा सकते हैं कैंसर, डायबिटीज और डिप्रेशन का खतरा 

Ultra-Processed Foods सिर्फ़ मोटापा नहीं बढ़ाते, बल्कि दिल, दिमाग और इम्यूनिटी को भी खतरे में डाल देते हैं. सेहतमंद जिंदगी के लिए इनसे दूरी बनाना और प्राकृतिक, पौष्टिक भोजन अपनाना ही असली समझदारी है.

Ultra processed foods (Meta AI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में इंस्टैंट नूडल्स, पैकेज्ड स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स और बिस्किट्स हमारे घरों का हिस्सा बन चुके हैं. इन्हें हम Ultra-Processed Foods (UPFs) कहते हैं. यह दिखने और खाने में भले ही स्वादिष्ट और सुविधाजनक लगें, लेकिन क्या आप जानते हैं? इनका असर सिर्फ़ वज़न बढ़ाने तक सीमित नहीं है. लगातार इनका सेवन आपकी सेहत पर ऐसे कहर बरपा सकता है, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते.

तो आइए जानते हैं कि क्यों Ultra-Processed Foods को कहा जाता है "Slow Poison" और ये किस तरह आपकी सेहत को भीतर से खोखला कर रहे हैं.

सिर्फ मोटापा ही नहीं, ये हैं असली खतरे

1. दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है

  • UPFs में ट्रांस फैट, ज्यादा नमक और चीनी पाई जाती है, जो हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल और दिल के दौरे का खतरा बढ़ाती है.

2. डायबिटीज की जड़

  • इन फूड्स में मौजूद रिफाइंड कार्ब्स ब्लड शुगर को अचानक बढ़ा देते हैं. लगातार सेवन से इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप-2 डायबिटीज की समस्या हो जाती है.

3. पोषक तत्वों की भारी कमी

  • ये खाने में एनर्जी तो भरपूर देते हैं, लेकिन शरीर को जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स से वंचित कर देते हैं. नतीजा- थकान, एनीमिया और हड्डियों से जुड़ी दिक्कतें.

4. कैंसर का खतरा

  • UPFs में इस्तेमाल होने वाले प्रिज़र्वेटिव्स और इमल्सीफायर्स लंबे समय में कैंसर, खासकर कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं.

5. मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर

  • क्या आपको पता है कि जंक फूड खाने से डिप्रेशन और एंग्ज़ाइटी जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं? इन फूड्स का हाई शुगर और एडिटिव्स दिमाग में इंफ्लेमेशन पैदा करते हैं.

6. हार्मोनल असंतुलन

  • UPFs में मौजूद कुछ केमिकल्स थायरॉयड और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं. लंबे समय तक ये ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर तक का खतरा बढ़ा सकते हैं.

7. गट हेल्थ को नुकसान

  • फाइबर की कमी और एडिटिव्स आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को मार देते हैं, जिससे पाचन, इम्युनिटी और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है.

8. लत जैसी आदत

  • शुगर, नमक और फैट का ऐसा मिश्रण इन्हें एडिक्टिव बना देता है. एक बार शुरू करें, तो बार-बार खाने की इच्छा होती है.

9. कमजोर इम्यून सिस्टम

  • ये फूड्स आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटा देते हैं. नतीजा- बार-बार बीमार पड़ना.

10. तेजी से बढ़ती उम्र

  • इनमें मौजूद अनहेल्दी फैट और शुगर स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे समय से पहले झुर्रियां और बुढ़ापा झलकने लगता है.

क्या है बेहतर विकल्प?
अगर आप Ultra-Processed Foods से दूरी बनाना चाहते हैं, तो इन विकल्पों को अपनाइए:

  1. ताज़ी सब्जियां और फल
  2. साबुत अनाज (दाल, चना, जई)
  3. घर का बना ताज़ा खाना
  4. बादाम, अखरोट जैसे नट्स
  5. नारियल पानी और छाछ जैसे प्राकृतिक पेय

ध्यान रखें
UPFs कभी-कभार खाना ठीक है, लेकिन रोज़ाना इन्हें खाना आपकी सेहत के लिए जहर है. अगली बार जब भी आप चिप्स का पैकेट या इंस्टैंट नूडल्स उठाएं, तो सोचिए- क्या यह स्वाद आपकी ज़िंदगी से सेहत छीनने के लायक है?

Ultra-Processed Foods सिर्फ़ मोटापा नहीं बढ़ाते, बल्कि दिल, दिमाग और इम्यूनिटी को भी खतरे में डाल देते हैं. सेहतमंद जिंदगी के लिए इनसे दूरी बनाना और प्राकृतिक, पौष्टिक भोजन अपनाना ही असली समझदारी है.

(डिस्क्लेमर: यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. GNT डिजिटल इसकी पुष्टि नहीं करता है) 

 

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