Artificial Sweeteners से मीठी हो सकती है चाय, लेकिन याददाश्त में आ सकती है कमजोरी... जानें क्या कहते हैं शोध

नई रिसर्च में दावा किया गया है कि कृत्रिम स्वीटनर जैसे अस्पार्टेम और सैकरीन का ज्यादा सेवन याददाश्त और सोचने की क्षमता को कमजोर करता है. जानें कौन से स्वीटनर सबसे खतरनाक हैं और किन प्राकृतिक विकल्पों को अपनाना चाहिए.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST

मीठे स्वाद के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कृत्रिम स्वीटनर जैसे अस्पार्टेम और सैकरीन अब सेहत पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं. ब्राजील में हुए एक बड़े अध्ययन में पाया गया कि इनका अत्यधिक सेवन सोचने और याद रखने की क्षमता को तेज़ी से कमजोर करता है.

शोध में क्या निकला सामने?
अमेरिकी मेडिकल जर्नल Neurology में प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों ने सबसे ज्यादा स्वीटनर का सेवन किया, उनकी संज्ञानात्मक क्षमता (कॉग्निटिव पावर) उन लोगों की तुलना में 62% तेजी से गिरी, जिन्होंने सबसे कम सेवन किया. यह गिरावट करीब 1.6 साल की अतिरिक्त उम्र बढ़ने के बराबर पाई गई.

शोधकर्ताओं ने बताया कि “लो- और नो-कैलोरी स्वीटनर (LNCs)” लंबे समय में दिमागी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर कृत्रिम स्वीटनर और शुगर अल्कोहल.

किन स्वीटनर पर उठे सवाल?
रिसर्च में पाया गया कि अस्पार्टेम, सैकरीन, एसेसल्फेम K, एरिथ्रिटॉल, सोर्बिटॉल और ज़ाइलिटॉल जैसे स्वीटनर का सेवन सीधे तौर पर याददाश्त और सोचने की क्षमता में कमी से जुड़ा है. प्रतिदिन इनका सेवन करने वाले लोगों में मेमोरी, वर्बल फ्लुएंसी और ग्लोबल कॉग्निशन में गिरावट देखी गई.

किस आयु वर्ग पर ज्यादा असर?
दिलचस्प बात यह रही कि यह प्रभाव केवल 60 साल से कम उम्र वाले प्रतिभागियों में देखा गया. इसका मतलब है कि मध्यम आयु वर्ग के लोग अगर लगातार स्वीटनर का सेवन करते हैं, तो उनकी दिमागी सेहत पर गंभीर असर हो सकता है.

शोध कैसे हुआ?
यह अध्ययन ब्राजील के 12,772 सिविल सर्वेंट्स पर किया गया. प्रतिभागियों की औसत उम्र 52 साल थी और उन्हें करीब आठ वर्षों तक फॉलो किया गया.

  • सबसे पहले उनसे खाने-पीने की आदतों के बारे में सवाल पूछे गए.
  • इसके बाद उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं जैसे शब्द याद रखने और बोलने की प्रवाह का परीक्षण किया गया.

नतीजों ने दिखाया कि ज्यादा स्वीटनर खाने वालों की मानसिक क्षमता बहुत तेजी से गिरी.

कौन से विकल्प अपनाए जा सकते हैं?
शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि लोग कृत्रिम स्वीटनर के बजाय प्राकृतिक विकल्प अपनाएं, जैसे:

  • टैगाटोज़
  • शहद
  • मेपल सिरप

उद्योग जगत का विरोध
हालांकि, फूड और ड्रिंक इंडस्ट्री ने इस अध्ययन पर सवाल उठाए हैं.

  • ब्रिटिश सॉफ्ट ड्रिंक्स एसोसिएशन ने कहा कि “यह रिसर्च कारण और प्रभाव को साबित नहीं करती, बल्कि केवल सांख्यिकीय संबंध दिखाती है.”
  • इंटरनेशनल स्वीटनर्स एसोसिएशन (ISA) ने भी दावा किया कि दुनिया की प्रमुख स्वास्थ्य संस्थाएं स्वीटनर को सुरक्षित मान चुकी हैं.

 

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