Meningococcal Disease: क्या है मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस, इस जानलेवा बीमारी से बचाव कैसे करें? जानिए

मेनिंगोकोकल एक गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो 30 से 60 साल की आयु के लोगों को प्रभावित करता है. जो लोग एचआईवी से पीड़ित हैं उनके लिए ये बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST
  • मेनिंगोकोकल मेनिंजाइटिस ऐसी ही एक संक्रामक बीमारी है.
  • क्या है इस बीमारी के लक्षण

एक बैक्टीरियल डिजीज के बढ़ते मामलों ने अमेरिका के हेल्थ एक्सपर्ट्स को चिंता में डाल दिया है. अब तक इस बीमारी के कुल 143 मामले सामने आ चुके हैं. बैक्टीरिया निसेरिया मेनिंगिटिडिस के कारण होने वाली ये बीमारी आमतौर पर दिमाग, रीढ़ की हड्डी और ब्लडफ्लो को प्रभावित करती है. मेनिंगोकोकल मेनिंजाइटिस से होने वाली मृत्यु की दर काफी ज्यादा है.

मेनिंगोकोकल एक गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो 30 से 60 साल की आयु के लोगों को प्रभावित करता है. जो लोग एचआईवी से पीड़ित हैं उनके लिए ये बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है. मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करता है और अगर इसका इलाज न किया जाए, तो मस्तिष्क को गंभीर क्षति पहुंच सकती है. इस बीमारी में दिमाग और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली मेनिन्जेस संक्रमित हो जाती है. इसके बाद बैक्टीरिया आक्रामक रूप से बढ़ जाता है और सेप्टीसीमिया का कारण बनता है.

क्या है इस बीमारी के लक्षण

इसके लक्षण फ्लू के समान ही हैं, इसलिए यह आसानी से डायग्नोस (निदान) नहीं किया जा सकता है. इस बीमारी के सबसे आम लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और शरीर नें अकड़न हैं. ये लक्षण मतली, उल्टी, फोटोफोबिया के साथ भी हो सकते हैं. बच्चों में इस बीमारी के लक्षण जल्दी नजर नहीं आते हैं.

कैसे फैलता है मेनिंगोकोकल

मेनिंगोकोकल रोग सांस और Throat secretions​ से फैलता है. ये बैक्टीरिया लार या थूक के जरिए अस्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है. कई बार खांसने, छींकने या किसिंग की वजह से भी ये रोग फैल सकता है. अगर आपके घर में किसी को यह बीमारी है तो आपको यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा है. मेनिंगोकोकल रोग से पीड़ित किसी व्यक्ति के साथ हवा में सांस लेने से ये बीमारी नहीं फैलती है.

क्या भारत में कॉमन है ये बीमारी

2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में निसेरिया मेनिंगिटिडिस 5 साल से कम उम्र के बच्चों में तीव्र बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (एबीएम) का तीसरा सबसे आम कारण है. पिछले 25 सालों में दिल्ली (2005-08), मेघालय (2008-09), और त्रिपुरा (2009) में इसका ज्यादा प्रकोप देखने को मिला. 

क्या है मेनिंगिटिडिस का बचाव

इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण कराना है. मेनिंगोकोकल रोग से पीड़ित व्यक्ति के करीबी संपर्कों को बीमार होने से बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जानी चाहिए. कई लोगों को मेनिंगोकोकल एक से ज्यादा बार हो सकता है. मेनिंगोकोकल वैक्सीन (टीका) बैक्टीरियल मेनिंजाइटिस और अन्य गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकने वाले संक्रमण मेनिंगोकोकल बीमारी से बचाता है.

 

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