Cancer Treatment/Credit-unsplash/National Cancer Institute
Cancer Treatment/Credit-unsplash/National Cancer Institute जनवरी की एक सुबह रोजी (बदला हुआ नाम) ने मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर के लिए स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट ली. तीन हफ्ते बाद इसी दवा के कारण रोजी को असहनीय दर्द हुआ और उनकी मौत हो गई.
पेशे से टीचर 55 वर्षीय सतीश ने अपने आखिरी दिन बेहद दर्द में गुजारे...वो हर दिन उल्टी, दस्त और मतली और मुंह के छालों से परेशान रहते.. दर्द इतना होता कि उन्होंने खाना पीना छोड़ दिया. बाद में कीमो के ओवरडोज से उनकी किडनी और लीवर फेल हो गए और सतीश नहीं रहे.
कुछ ऐसी ही कहानी रोसेन की भी है. रोसेन अमेरिका के उन कैंसर पेशेंट में से एक थे, जिन्हें हर साल फ्लूरोरासिल दिया जाता है, जिसे 5-एफयू के रूप में जाना जाता है. ये महज उदाहरण है उन लोगों के जो कैंसर की ट्रीटमेंट लें तो भी मरते हैं और न लें तब भी मौत निश्चित है.
कीमो की ओवरडोज से मौत
कीमोथैरेपी के रूप में ये दवा उन मरीजों को दी जाती है जिनमें दवाओं को मेटाबोलाइज करने वाले एंजाइम की कमी होती है. इन मरीजों को कीमो की ओवरडोज दी जाती है क्योंकि दवाएं घंटों तक शरीर में रहती हैं. एक अनुमान के मुताबिक ये दवाएं लेने वाले 1,000 मरीजों में से 1 की मौत हो जाती है. हर साल इस दवा की वजह से सैकड़ों लोग बीमार होते हैं. अगर डॉक्टर्स कीमोथैरेपी से पहले मरीज में इन दवाओं कीओवरडोज की टेस्टिंग कर लें तो इन मौतों का आंकड़ा कम हो सकता है. लेकिन हाल ही में किए गए सर्वे में ये पाया गया है कि केवल 3% ऑन्कोलॉजिस्ट ही 5-एफयू या कैपेसिटाबाइन वाले मरीजों को कीमो देने से पहले टेस्टिंग कराते हैं.
किफायती जीन टेस्ट की जरूरत पर जोर
हालांकि अच्छी खबर ये है कि एफडीए ने अपनी नीति में दवा कंपनियों को 5-एफयू के रिस्क को लेकर चेतावनी जोड़ने को कहा है. हालांकि अभी भी डॉक्टरों के लिए कीमोथैरेपी से पहले इस टेस्ट को कराना जरूरी नहीं है. वहीं ब्रिटेन और यूरोपीय देश कीमोथैरेपी से पहले टेस्टिंग पर जोर देते हैं. एफडीए और कुछ ऑन्कोलॉजिस्टों ने एक किफायती जीन टेस्ट की जरूरत पर जोर दिया है जो एक कॉमन कैंसर दवा के रिएक्शन से होने वाली कई मौतों को कम कर सकता है.
दवाओं का उपयोग सुरक्षित और प्रभावी ढंग से हो
University of Michigan College of Pharmacy के प्रोफेसर Daniel Hertz ने दूसरे डॉक्टरों और फार्मासिस्टों के साथ मिलकर दवा के लेबल पर एक ब्लैक बॉक्स चेतावनी लगाने के लिए एफडीए में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा, "एफडीए की जिम्मेदारी है कि वो यह सुनिश्चित करे कि दवाओं का उपयोग सुरक्षित और प्रभावी ढंग से किया जाए. हालांकि कैंसर नेटवर्क पैनल का मानना है कि जोखिम भरे जीन वेरिएंट वाला हर शख्स इस दवा से बीमार नहीं पड़ता है.''
5FU टॉक्सिसिटी टेस्ट
बल्ड टेस्ट: शरीर में वॉइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स के लेवल की जांच की जाती है.
लिवर फंक्शन टेस्ट: लिवर फंक्शन टेस्ट में शरीर में लिवर एंजाइम के लेवल की जांच की जाती है.