कोरोना के बीच तेजी से फैल रहा Monkeypox वायरस... क्या हैं लक्षण और बचाव, जानिए

Monkeypox वायरस चूहे जैसे जीवों से मनुष्य में फैलता है. इसका सबसे पहला केस ब्रिटेन में पाया गया. संक्रमित व्यक्ति हाल में नाइजीरिया से आया है. आशंका जताई जा रही है कि व्यक्ति ये वायरस वहीं से लाया है. मरीज अभी आइसोलेशन में है और लंदन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा है.

Monkeypox (Credit: who.int)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST
  • वायरल इन्फेक्शन खासकर चूहों से फैलता है
  • ब्रिटेन में पाया गया पहला केस

कोरोना वायरस का खतरा अभी पूरी तरह से टला भी नहीं है कि एक और वायरस ने डराना शुरू कर दिया है. खास बात ये है कि यह वायरस भी कोरोना की तरह ही संक्रमित जीवों से मनुष्यों में फैल रहा है. बताया जा रहा है  कि यह वायरस चूहे जैसे जीवों से मनुष्य में फैलता है. इसका सबसे पहला केस ब्रिटेन में पाया गया. संक्रमित व्यक्ति हाल में नाइजीरिया से आया है. आशंका जताई जा रही है कि व्यक्ति ये वायरस वहीं से लाया है. मरीज अभी आइसोलेशन में है और लंदन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा है.

क्या है मंकापॉक्स वायरस?
मंकीपॉक्स एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है जो खासकर चूहों और बंदरों से इंसानों में फैलता है. यह स्मॉल पॉक्स की तरह दिखता है जिसमें चेचक के लक्षण दिखाई देते हैं. इसके कुछ लक्षण फ्लू जैसे भी होते हैं. जिन लोगों में यह बीमारी गंभीर होती है उनमें निमोनिया के लक्षण भी दिखने लगते हैं. संक्रमित होने वाले मरीज में इसके लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं. संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद यह बीमारी आंख, नाक या मुंह के जरिए इंसान के शरीर में फैल सकती है.

क्या हैं बीमारी के लक्षण?
मंकीपॉक्स से जुड़े सामान्य लक्षण बुखार, दाने, तेज सिरदर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द (मायलगिया), तीव्र अस्टेनिया (ऊर्जा की कमी) और सूजन लिम्फ नोड्स हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स के रोगियों में बुखार आने के एक से तीन दिन के भीतर त्वचा फटने जैसे कुछ लक्षण भी देखे गए. ये चकत्ते चेहरे पर अधिक दिखाई देते हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स का इनक्यूबेशन पीरियड आमतौर पर 6 से 13 दिनों तक होती है, लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक भी खिंच सकता है.

मंकीपॉक्स का इलाज
वैसे तो इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति सामान्य तौर पर एक हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन कुछ लोगों में यह बीमारी बहुत गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है. विश्व स्वस्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स का फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है. संक्रमित होने पर मरीज के लक्षणों को कुछ कम जरूर किया जा सकता है. 

इंसानों में कैसे फैलती है बीमारी?
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA)ने कहा कि मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है जो लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है. CDC के अनुसार, इस बीमारी की खोज 1958 में हुई थी, जब शोध के लिए रखे गए बंदरों के बीच चेचक जैसी बीमारी फैलने लगी. ह्यूमन ट्रांसमिशन का पहला मामला 50 साल पहले, 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में दर्ज किया गया था. 


 

 

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