National Doctor's Day: किसी की फीस 10 रुपए तो कोई फ्री में करता है इलाज, जानें इन दरियादिल डॉक्टर्स के बारे में

National Doctor's Day: हर साल भारत में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य डॉक्टर्स की समाज में भूमिका और उनके येगदान को सम्मान देना है.

National Doctor's Day (Photo: Unsplash)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 30 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST
  • हर साल 1 जुलाई को देश में National Doctor's Day मनाया जाता है
  • डॉ बिधान चंद्रा रॉय की याद में मनाया जाता है यह दिन

डॉक्टरों की कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प, और योगदान को याद रखने के लिए हर साल 1 जुलाई को देश में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day) मनाया जाता है. डॉक्यर हर हाल में लोगों की जान बचाने के लिए अथक प्रयास करते हैं. कोविड -19 महामारी के मुश्किल समय में भी उन्होंने लोगों को स्वस्थ रखने के लिए चौबीसों घंटे काम किया. 

इसके साथ ही आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे डॉक्टर्स के बारे में जो मुफ्त में या नाममात्र फीस लेकर जरूरतमंदों को इलाज कर रहे हैं. भारत में कई ऐसे नेकदिल डॉक्टर हैं जो बड़े अस्पतालों में पैसा कमाने की बजाय गरीब और जरूरतमंदों की भलाई में लगे हुए हैं. 

1. डॉ. वी नारायणन 

Dr. V Narayanan (Photo: Facebook)


केरल के पलक्कड में अट्टापदी के आदिवासी गांव अगाली में लोगों के लिए डॉ वी नारायणन किसी मसीहा से कम नहीं है. डॉ. नारायणन बाल रोग विशेषज्ञ हैं और गांव में सिर्फ 10 रुपए फीस लेकर लोगों का इलाज कर रहे हैं. साल 2002 में उन्होंने इस आदिवासी बस्ती में लोगों की सेवा शुरू की. 
उन्हें अब प्यार से '10 रुपये वाला डॉक्टर' कहा जाने लगा है. डॉ नारायणन की पहल के कारण ही गांव में स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन (एसवीएमएम) अस्पताल की शुरुआत हुई. उन्होंने और उनकी टीम ने सभी आदिवासी बस्तियों में एक सामुदायिक नेटवर्क विकसित किया है और हर बस्ती में स्वयंसेवकों को लगाया है जो मानसिक स्वास्थ्य रोगियों की पहचान करते हैं और उन्हें इलाज के लिए लाते हैं. 

2. डॉ शिव शंकर प्रसाद
बिहार में नालंदा में अपना नर्सिंग होम सुहागी क्लिनिक, चलाने वाले डॉ प्रसाद भी मात्र 10 रुपये में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उन्होंने 1986 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की, तब से वह मात्र 10 रुपये में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. पिछले 30 सालों से, वह बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए निस्वार्थ भाव से प्रयास कर रहे हैं.
द लॉजिकल इंडियन से बात करते हुए, डॉ प्रसाद ने कहा कि उन्होंने एमबीबीएस पूरा करने के बाद नर्सिंग होम शुरू किया और अन्य डॉक्टरों के सहयोग से, यह अस्पताल लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करता है.

3. डॉ शंकर रामचंदानी 

Dr. Shankar Ramchandani (Photo: Facebook)


ओडिशा के संबलपुर जिले में डॉ शंकर रामचंदानी अपना "One Rupee" क्लिनिक चला रहे हैं. ताकि वह गरीब और वंचित लोगों को सही उपचार दे सकें. रामचंदानी, वीर सुरेन्द्र साईं इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (VIMSAR), बुर्ला में सहायक प्रोफेसर हैं. 
उनके क्लिनिक में मरीजों को इलाज के लिए सिर्फ एक रुपया देना पड़ता है. समाचार ऐजेंसी एएनआई से बात करते हुए रामचंदानी ने कहा कि अपने ड्यूटी के समय के बाद गरीबों और वंचितों का इलाज करने का उनका सपना था जिसे उन्होंने 'One Rupee Clinic' की शुरूआत करके पूरा किया है. 

4. डॉ. बी रमन राव

Dr. B. Raman Rao (Photo: Wikibio)


पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. बी रमन राव कंसल्टिंग फिजीशियन और कार्डियोलॉजिस्ट हैं. वह बेंगलुरु के बेगुर गांव में पिछले 43 सालों से गरीबों के लिए मुफ्त क्लीनिक चला रहे हैं. डॉ राव पिछले काफी सालों से गरीब और जरूरतमंद लोगों को फ्री में इलाज कर रहे हैं. खासकर कि ग्रामीण इलाकों में वह लोगों को लिए मसीहा से कम नहीं हैं. 
दिलचस्प बात यह है कि डॉ. राव ने देश के मशहूर लोग जैसे अमिताभ बच्चन, कन्नड़ अभिनेता स्वर्गीय राजकुमार, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स का इलाज किया है. 

 

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