एडवांस्ड प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के शोधकर्ताओं ने एक इंटरनेशनल ट्रायल में बताया है कि नई कॉम्बिनेशन दवा निरापारिब (niraparib) और एबिराटेरोन एसीटेट और प्रेडनिसोन (AAP) मिलकर कैंसर को काफी धीमा कर सकते हैं. यह कॉम्बिनेशन खास तौर पर उन मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है जिनके जीन में एक खास तरह की डीएनए रिपेयर गड़बड़ी होती है,.
696 मरीजों पर हुआ ट्रायल
इस डबल-ब्लाइंड ट्रायल में 32 देशों के 696 पुरुष शामिल थे, जिनकी औसत उम्र 68 साल थी. आधे मरीजों को नया कॉम्बिनेशन दिया गया निरापारिब + AAP, जबकि बाकी आधों को सिर्फ नॉर्मल हार्मोन बेस्ड दवा और प्लेसीबो दिया गया. इनमें से आधे से ज्यादा मरीजों में BRCA1 या BRCA2 जीन में बदलाव पाया गया था, जो कैंसर को ज्यादा आक्रामक बनाते हैं.
कैंसर की बढ़ोतरी का खतरा 37-48% तक कम हुआ
Nature Medicine जर्नल में प्रकाशित नतीजों के अनुसार, 30.8 महीने के औसत फॉलोअप में पाया गया कि निरापारिब देने से कैंसर के बढ़ने का खतरा सामान्य उपचार की तुलना में 37% तक कम हुआ. वहीं BRCA1 या BRCA2 म्यूटेशन वाले मरीजों में यह कमी 48% तक पहुंच गई. जिन मरीजों को यह नई दवा दी गई, उनमें लक्षणों के बिगड़ने का समय भी दोगुना रहा यानी जिन मरीजों में पहले 34% मामलों में लक्षण बिगड़ते थे, वह घटकर सिर्फ 16% रह गया.
शोधकर्ताओं ने बताया कि निरापारिब ग्रुप में सर्वाइवल में सुधार का दिखा. यह खोज उन मरीजों के लिए जरूरी है जिनका कैंसर HRR जीन में बदलाव के कारण तेजी से बढ़ता है. निरापारिब के साथ इलाज से कैंसर दोबारा लौटने में देर होती है.
साइड इफेक्ट मामूली पर निगरानी जरूरी
हालांकि यह उपचार अधिकांश मरीजों में अच्छी तरह सहन हुआ, लेकिन निरापारिब लेने वाले मरीजों में एनीमिया और हाई ब्लड प्रेशर जैसे साइड इफेक्ट ज्यादा देखे गए. करीब 25% मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ी. एक्सपर्ट का मानना है कि यह शोध प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में जीन बेस्ड परीक्षण को नियमित करने की दिशा में अहम कदम है.