Stomach Peptic Ulcers: खतरनाक हो सकता है पेट का अल्सर, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय

Stomach Peptic Ulcers Treatment: अगर आपको हो रही है पेट में अल्सर की समस्या तो खान-पान की आदतों में सुधार करना बहुत जरूरी है. साथ ही, नींद पूरी करना और खुद को फिट रखना भी आवश्यक है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST
  • पेट में घाव या छाले होने को मेडिकल भाषा में कहते हैं पेप्टिक अल्सर
  • सही समय पर न मिले इलाज तो खतरनाक हो सकता है पेप्टिक अल्सर

आजकल बहुत से लोग पढ़ाई और नौकरी के लिए घर से बाहर दूसरे शहरों में रहते हैं. जिस कारण उनकी जीवनशैली और खान-पान में बदलाव आ रहा है. ज्यादातर युवा अकेले रहते हुए अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देते हैं और इस कारण उनकी सेहत पर गलत प्रभाव पड़ता है. 

सही खाना-पीना न होने से और नींद पूरी न होने के कारण कई तरह की बीमारियां युवाओं को अपनी चपेट में ले रही हैं. इन्हीं में से एक है अल्सर की बीमारी. जी हां, अल्सर का मतलब होता है छाले. और ये अल्सर सिर्फ मुंह में नहीं होते हैं बल्कि बहुत बार पेट में भी होते हैं. और पेट के अल्सर का सही इलाज न हो तो ये घातक हो सकते हैं. 

क्या होता है पेप्टिक अल्सर

पेट में घाव या छाले होने को मेडिकल भाषा में पेप्टिक अल्सर कहते हैं. बताया जाता है कि हमारे पेट में म्युकस की एक चिकनी परत होती है, जो पेट की भीतरी परत को पेप्सिन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाती है. पेट में मौजूद इस एसिड की खासियत है कि यह एसिड पाचन प्रक्रिया के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन अगर इसका बैलेंस बिगड़े तो यह शरीर के ऊतकों को नुकसान भी पहुंचाता है. 

इस एसिड और म्युकस परतों के बीच संतुलन के बिगड़ने पर ही अल्सर होते हैं. इसकी कई वजह हो सकती हैं जैसे देर से सोना, नींद पूरी न होना, पढ़ाई या काम का बहुत ज्यादा स्ट्रेस, खाने-पीने में गड़बड़ी, जंक फूड ज्यादा खाना, समय पर न खाना और अधिक डाइटिंग से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. 

इसके अलावा, धूम्रपान, एल्कोहल और तंबाकू का सेवन भी पेट की परत को नुकसान पहुंचाने का कारण बन जाता है. 

क्या हैं लक्षण

पेप्टिक अल्सर का प्रमुख लक्षण है पेट में दर्द होना. खाली पेट होने पर यह दर्द और तेज हो जाता है. इसके अलावा कई बार सीने में भी जलन होने लगती है. बार-बार उल्टी होना भी पेट में अल्सर होने का संकेत हो सकता है. कई बार उल्टी में ब्लड भी आ जाता है. इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण हैं-

  • अचानक वजन कम होना 
  • बार-बार भूख लगना
  • रात में, खाली पेट या खाने के कुछ समय बाद तेज दर्द
  • गैस और खट्टी डकार
  • उल्टी
  • पेट के उपरी हिस्से में दर्द
  • पेट का भारीपन
  • भूख में कमी
  • वजन घटना
  • सुबह-सुबह हल्की मितली

कैसे करें बचाव 

खान-पान की आदतों में बदलाव अल्सर की समस्या से बचाव में मदद कर सकता है. अल्सर से बचाव के लिए आप अपने खाने में सेब, ब्लूबेरी, रास्पबेरी, ब्लैक बेरी, स्ट्रॉबेरी शामिल कर सकते हैं. साथ ही, अल्सर के दौरान नीबू, मौसंबी, संतरा, अंगूर, अनन्नास, फलों का जूस, जैम और जैली खाने से बचें. इनमें सिट्रिक एसिड अधिक होता है. 

  • हमेशा संतुलित डाइट लें और बहुत ज्यादा मसालेदार खाने से बचें. 
  • अपनी फिटनेस पर ध्यान दें और वजन कंट्रोल करें. 
  • खान-पान में साफ-सफाई का ध्यान रखें. खुले में रखे खाद्य पदार्थों को खाने से बचें. 
  • शरीर की साफ-सफाई का भी ध्यान रखें और खाने से पहले हाथ जरूर धोएं. 
  • अगर किसी तरह की आशंका हो तो तत्काल डॉक्टर से कंसल्ट करें. 

 

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