दूध को पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन A, विटामिन डी, विटामिन बी12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे ढेर सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. दूध को हमारे भोजन का एक जरूरी हिस्सा माना जाता है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर उम्र के लोगों के लिए दूध को फायदेमंद बताया गया है. दूध में मौजूद पोषक तत्व शरीर के संपूर्ण विकास में सहायक होते हैं.
दूध पीने से हमारे शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं. दूध मसल्स ग्रोथ करता है. कमजोरी को दूर कर एनर्जी देता है. रोजाना दूध पीने से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होती है. गांवों में तो गाय और भैंस का ताजा दूध मिल जाता है लेकिन शहरों में ताजा दूध कम मिलने से अधिकतर लोग पैकेट वाला दूध पीते हैं. पैकेट का दूध पीते समय अधिकांश लोग एक बड़ी गलती कर देते हैं, जिससे यह दूध शरीर को फायदा पहुंचाने की जगह भारी नुकसान करता है. आइए जानते हैं पैकेट वाला दूध को लेकर आखिर कौन सी गलती लोग कर देते हैं?
बैक्टीरिया युक्त और सुरक्षित बन जाता है पैकेट वाला दूध
पैकेट वाले दूध लेकर एक आम धारणा है कि जितना ज्यादा इसे उबालेंगे उतना अधिक सुरक्षित होगा जबकि सच्चाई इसके ठीक उल्ट है. आपको मालूम हो कि पैकेट वाला दूध खास तकनीकी प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है, जिसे यह बैक्टीरिया युक्त और सुरक्षित बन जाता है. पैकेट वाला दूध पाश्चुरीकरण और होमोजेनाइजेशन से होकर गुजरता है.
इससे इसके अंदर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और दूध को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. पाश्चराइजेशन प्रक्रिया में कच्चे दूध को 72 डिग्री सेल्सियस पर 15-30 सेकेंड तक गर्म किया जाता है. इससे दूध में मौजूद बैक्टीरिया जैसे सेलमोनेला और ई-कोली खत्म हो जाते हैं. इस प्रक्रिया के बाद पैकेट वाले दूध को बार-बार गर्म करने की जरूरत नहीं है.
...तो नष्ट हो जाते हैं जरूरी पोषक तत्व
पैकेट वाले दूध में भी कई जरूरी पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन-डी, बी-12, लैक्टोज और फैट होते हैं, जो शरीर के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी होते हैं. पैकेट वाले दूध में पाया जाने वाला विटामिन बी12 पूरे शरीर को ताकत देने का काम करता है. इसकी कमी से हड्डियों में कमजोरी आ सकती है, खून की कमी हो सकती है, मसल्स कमजोर हो सकती हैं. डायटीशियन बताते हैं कि पैकेट वाले दूध ज्यादा उबालने से इसमें मौजूद जरूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन बी-12, विटामिन-डी और प्रोटीन खत्म हो जाता है.
इन सारे पोषक तत्वों को खत्म हो जाने के कारण इस दूध को पीने से शरीर को कोई लाभ नहीं मिलता है. इस दूध को पीने के बावजूद शरीर में कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं दूर नहीं होती हैं. डायटीशियन का कहना है कि पैकेट वाल दूध पाश्चराइजेशन की प्रक्रिया से गुजरता है. इसके कारण यह दूध पहले ही बैक्टीरिया मुक्त हो जाता है. ऐसे में इसे पीने से पहले केवल हल्का गुनगुना करना पर्याप्त है. बार-बार गर्म करने या अधिक उबालने से पैकेट वाले दूध का का जहां स्वाद तो बिगड़ता ही साथ ही पौष्टिकता भी घट जाती है. डायटीशियन के मुताबिक पैकेट वाले दूध को अधिक गर्म तभी करना चाहिए जब आप इस दूध से कुछ और चीजें बना रहे हैं जैसे आप दूध से पनीर बना रहे हों या खोया बना रहे हों या दूध की कोई मिठाई बना रहे हों.
(इस खबर को पूजा कदम ने लिखा है. वह GNT में इंटर्न हैं)