Intermittent Fasting: इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन घटाना पड़ सकता भारी, कम खाने से हो सकती बड़ी बीमारी

स्टडी में सामने आया कि वजन घटाने का तरीका कैसे घटा सकता है आपकी जान. जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग से होने वाले नुकसान को.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:19 AM IST

दुनिया भर में लोग मोटापे से काफी परेशान है. वह इस मोटापे को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय अपनाते है. जैसे डाइट, जिम सप्लीमेंट्स आदि. लेकिन इस सबके बीच कई लोग ऐसे भी है जो वजन घटाने के लिए एक अलग तरीका अपनाते है. इसे कहा जाता है इंटरमिटेंट फास्टिंग. यानि सरल शब्दों में कहें तो होता तो यह एक उपवास की तरह ही है, लेकिन पूर्ण रूप से उपवास नहीं होता है.

इंटरमिटेंट फास्टिंग का चलन दुनिया भर में काफी फेमस है. कई लोग इसके फायदे बताते हैं. तो कई जो मोटापे से जूझ रहे होते है वह इसका साहारा ले रहे होते हैं. लेकिन हाल ही में एक ऐसा खुलास सामने आया है जिससे इस तरीके को अपनाने वाले इसे अपनाने से पहले दो बार सोचेंगे.

क्या है वो बड़ा खुलासा
इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक बहुत आम पैटर्न है कि आप 16 घंटे उपवास करते हैं और बाकी के बचे 8 घंटों के दौरान खाना खाते हैं. लेकिन डायबिटीज एंड मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्लिनिकल रिसर्च एंड रिव्यूज में प्रकाशित की गई एक स्टडी के अनुसार, जो लोग इस पैटर्न को अपनाते हैं, उनमें हार्ट से जुड़ी मौत का खतरा 135 प्रतिशत ज्यादा पाया जाता है.

किस तरह से सामने आया नतीजा
इस स्टडी के शोधकर्ताओं ने अमेरिका के 19 हज़ार व्यस्कों के आंकड़ो का विश्लेषण किया. जिसमें यह नतीजा सामने आया कि सामान्य लोगों की तुलना में इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों में हार्ट और ब्लड वेसल से जुड़ी कई समस्याएं पैदा हो सकती है. साथ ही इनका संबंध सीधा मौत से है.

क्या कहना है विशेषज्ञों का
विशेषज्ञों का साफ तौर पर लोगों को सुझाव है कि खाना खाने को लेकर इतनी छोटी विंडो को नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि इससे उनका वजन या न घटे, लेकिन उन्हें शारीरिक रूप से बीमारियों का सामना जरूर करना पड़ सकता है. जो कि उनकी ज़िदगी के लिए काफी घातक साबित हो सकती है. इसलिए बेहतर है कि कभी भी इंटरमिटेंट फास्टिंग का तरीका अपनाने के पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

 

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