क्या है एंटी एजिंग ट्रेंड सैल्मन स्पर्म फेशियल, Jennifer Aniston और Kim Kardashian भी कर रहीं इस्तेमाल

एक नया कोरियन स्किनकेयर ट्रेंड सैल्मन स्पर्म फेशियल दुनियाभर में तेजी से पॉपुलर हो रहा है. इसमें सैल्मन मछली के स्पर्म से मिले प्रोटीन और न्यूट्रिएंट्स से स्किन को कोलेजन बूस्ट और एंटी-एजिंग फायदे मिलते हैं.

Salmon Sperm Facial
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 07 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:56 AM IST
  • एशिया में इसे इंजेक्शन के जरिए स्किन में डाला जाता है.
  • अमेरिका में यह सीरम या मास्क के रूप में आता है

कांटा लगा गर्ल के नाम से मशहूर एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत पिछले दिनों खूब चर्चा में रही. जांच के दौरान पुलिस को उनके मुंबई स्थित घर से दवाइयों के दो डिब्बे मिले थे. दावा है कि शेफाली 5-6 सालों से उम्र को कम दिखाने का ट्रीटमेंट करवा रहीं थीं. शेफाली जरीवाला से लेकर बड़े-बड़े स्टार्स तक एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स लेते हैं.

दक्षिण कोरिया, अमेरिका सहित दुनियाभर में एक और एंटी एजिंग ट्रीटमेंट वायरल है. Jennifer Aniston और Kim Kardashian जैसी बड़ी सिलेब्रिटीज ये ट्रीटमेंट ले चुकी हैं. इस स्किन केयर ट्रीटमेंट का नाम है- सैल्मन स्पर्म फेशियल. जी हां, सैल्मन मछली के स्पर्म से बना यह फेशियल स्किन की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और कोलेजन उत्पादन को बढ़ाने का दावा करता है.

क्या है सैल्मन स्पर्म फेशियल?
यह एक अनोखा स्किन केयर ट्रीटमेंट है जिसमें सैल्मन फिश के स्पर्म से निकाले गए प्रोटीन और न्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल किया जाता है. इससे स्किन को पोषण मिलता है और यह त्वचा की मरम्मत और नवीनीकरण (rejuvenation) में मदद करता है.

एशिया में इंजेक्शन, अमेरिका में सीरम और मास्क
एशियाई देशों में यह ट्रीटमेंट आमतौर पर स्किन में इंजेक्ट किया जाता है, जबकि अमेरिका में यह अधिकतर सीरम या मास्क के रूप में मिलता है और इसे माइक्रोनीडलिंग या लेजर ट्रीटमेंट के साथ दिया जाता है. अच्छे नतीजों के लिए इसे 2-3 बार करवाने की सलाह दी जाती है.

कैसे होता है यह ट्रीटमेंट
इस ट्रीटमेंट को PDRN (Polydeoxyribonucleotide) फेशियल भी कहा जाता है. इसमें असली स्पर्म नहीं, बल्कि उसमें से DNA के खास हिस्सों को प्रोसेस करके निकाले गए पॉलीन्यूक्लियोटाइड्स का इस्तेमाल होता है. ये कंपाउंड स्किन की रिपेयरिंग, कोलेजन प्रोडक्शन और त्वचा की नवीनीकरण प्रक्रिया को एक्टिव करने में मदद करते हैं. सैल्मन स्पर्म से बने पॉलीन्यूक्लियोटाइड्स को अक्सर हायल्यूरोनिक एसिड और पेप्टाइड्स के साथ मिलाया जाता है ताकि त्वचा को ज्यादा हाइड्रेशन और शाइन मिले.

क्या फायदे मिल सकते हैं?
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की डर्मेटोलॉजी डॉ. एडम फ्रीडमैन के अनुसार, शुरुआती रिसर्च बताती है कि इस ट्रीटमेंट से कई फायदे हो सकते हैं.

एंटी-एजिंग इफेक्ट: झुर्रियों और फाइन लाइन्स में कमी आ सकती है.

स्किन टेक्सचर अच्छा होता है: कोलेजन बढ़ने से त्वचा मुलायम और ग्लोइंग दिख सकती है.

स्किन में हाइड्रेशन: रिसर्च में स्किन की नमी बढ़ने के संकेत मिले हैं.

सूजन कम करने वाले गुण: कुछ जानवरों पर हुई रिसर्च में पाया गया है कि यह सूजन और इन्फ्लेमेशन को कम कर सकता है.

जख्म भरने में मदद: जानवरों पर हुए परीक्षणों में यह स्किन रिपेयर की प्रक्रिया को तेज करता पाया गया है.

क्या है नुकसान?
हालांकि यह ट्रीटमेंट आमतौर पर सुरक्षित माना जा रहा है, लेकिन इससे जुड़े कुछ खतरे भी हैं. जैसे किसी-किसी को एलर्जी और स्किन रिएक्शन भी हो सकते हैं. इसलिए टॉपिकल फॉर्म के लिए पैच टेस्ट जरूरी है. यह एनिमल-डेरिव्ड प्रोडक्ट है, जो शाकाहारी या वीगन लोगों के लिए फिट नहीं हो सकता. हालांकि अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने PDRN इंजेक्शन को अभी मंजूरी नहीं दी है. गलत तरीके से ट्रीटमेंट लेने पर स्किन में इन्फेक्शन या जलन हो सकती है.

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