World Mental Health Day: कैसे पता चलेगा कि किसी को 'मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम' है? एक्सपर्ट से जानिए वो संकेत जिन्हें अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं

हर साल 10 अक्टूबर को World Mental Health Day मनाया जाता है, ताकि लोगों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा सके. अक्सर हम शारीरिक बीमारियों पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन मन की परेशानी को अनदेखा कर देते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर वक्त रहते मेंटल हेल्थ के संकेत पहचान लिए जाएं, तो इलाज आसान हो जाता है.

World Mental Health Day
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली ,
  • 10 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST
  • हर साल 10 अक्टूबर को World Mental Health Day मनाया जाता है
  • समय रहते इन लक्षणों को पहचानना और सही कदम उठाना बहुत जरूरी

मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं दुनियाभर में बढ़ रही हैं. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर 7 में से 1 शख्स मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर से परेशान है. मेंटल हेल्थ पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे’ मनाया जाता है. पहली बार वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे 10 अक्टूबर 1992 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ (World Federation for Mental Health) की वार्षिक गतिविधि के रूप में मनाया गया था. 

आज भी लोग डिप्रेशन और तनाव को हेल्थ से जुड़ी समस्या नहीं मानते और इसे नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन ये परेशानियां आगे जाकर गंभीर परिणाम ला सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते इन लक्षणों को पहचानना और सही कदम उठाना बहुत जरूरी है. मेंटल हेल्थ डे पर हमने बात की तुलसी हेल्थकेयर के सीनियर मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता से, फोर्टिस अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आस्तिक जोशी और द माइंड पेटल्स की सीनियर साइकोलॉजिस्ट मोनिका शर्मा से.

कैसे पता चलेगा कि किसी को ‘मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम’ है?
तुलसी हेल्थकेयर के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता बताते हैं कि किसी व्यक्ति में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या को पहचानना हमेशा आसान नहीं होता लेकिन धीरे-धीरे उसके भावनाओं, सोच और व्यवहार में स्पष्ट परिवर्तन नजर आने लगते हैं.

अगर कोई व्यक्ति लगातार उदास रहता है, मूड में अचानक बदलाव आता है, या पहले जैसी चीजों में रुचि नहीं दिखाता, तो यह शुरुआती संकेत हो सकते हैं. वह परिवार और दोस्तों से दूर रहने, ध्यान केंद्रित न कर पाने, या बातचीत से बचने की प्रवृत्ति भी दिखा सकता है.

वे कहते हैं कि नींद या खाने की आदतों में बदलाव, बेचैनी, थकान, या बिना कारण शारीरिक दर्द की शिकायतें भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकती हैं.

अगर ये लक्षण किसी व्यक्ति के काम, परिवार या रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित करने लगें, तो चुप रहने की बजाय बात करना और विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है.

किसी की मेंटल हेल्थ सही है कौन से 5 संकेत से पता चलेगा?
फोर्टिस अस्पताल के चाइल्ड, अडोलसेंट और फॉरेंसिक साइकियाट्रिस्ट डॉ. अस्तिक जोशी का कहना है कि अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के कई संकेत हैं. भावनात्मक लचीलापन, यानी रोजमर्रा के तनावों से निपटने और कठिन परिस्थितियों से जल्दी उबरने की क्षमता, मानसिक स्वास्थ्य का अहम हिस्सा है. इसके साथ ही दूसरों से जुड़ने, बातचीत करने और रिश्तों को बनाए रखने की क्षमता भी मानसिक स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है.

अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के कुछ आसान संकेत ऐसे हैं जिन्हें समझना आसान है. सबसे पहले, सकारात्मक आत्म-छवि यानी खुद पर भरोसा होना, खुद को स्वीकार करना और भविष्य के बारे में उम्मीद रखना. इसके अलावा, अच्छी नींद लेना और सामान्य तौर पर शारीरिक रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी है, क्योंकि यह दिखाता है कि व्यक्ति अपनी जिंदगी में संतुलन बना रहा है जैसे सही समय पर सोना, नियमित व्यायाम करना और सही खाना-पीना. इसके अलावा, जीवन में कुछ करने का मकसद होना भी जरूरी है. अपने लक्ष्य पूरा करना, छोटी-छोटी उपलब्धियों का अनुभव करना और जीवन का मकसद महसूस करना. कुल मिलाकर, ये पांच चीजें यह दिखाती हैं कि व्यक्ति अपने जीवन की चुनौतियों के बीच खुश और मानसिक रूप से स्वस्थ है.

द माइंड पेटल्स की सीनियर साइकोलॉजिस्ट मोनिका शर्मा बताती हैं, ये आज की आधुनिक जीवनशैली में लोगों का ध्यान खुद की देखभाल पर कम हो गया है. लोग अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान तो दे देते हैं पर मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान बहुत ही कम है. इसका एक कारण ये भी है कि मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट के लक्षण उतने स्पष्ट नहीं हैं जितने कि शारीरिक स्वास्थ्य के लक्षण हैं.

  • अगर आपकी रुचि उन सभी कार्यों में कम हो गई है जिनमें आप पहले रुचि लेते थे तो ये गिरते हुए मानसिक स्वास्थ्य को निशानी है. अगर आपको अकेले रहना अधिक सुविधाजनक लग रहा है और परिवार और दोस्तों के साथ कम जुड़ाव महसूस करते हैं तो यह भी मानसिक स्वास्थ्य का लक्षण है. खुद के प्रति बढ़ती हुई हीन भावना भी गिरते हुए मानसिक स्वास्थ्य की तरफ इशारा करता है.

  • दूसरों के व्यवहार एवं बातों के प्रति बढ़ती हुई असहनशीलता तथा जल्दी झगड़ा हो जाना, जल्दी गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन है तो यह भी चिंता का कारण है. ऐसी स्थिति में बिना देर किए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें.

  • नींद और भोजन की आदतों में बदलाव जैसे बहुत अधिक या बहुत कम, नींद या भूख भी मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट को दर्शाता है. छोटी छोटी बातों पर चिंतित हो जाना और तनाव महसूस करना भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा करता है. साथ ही लगातार होने वाले पेटदर्द, सिरदर्द और मांसपेशियों में होने वाले तनाव आदि इसके शारीरिक लक्षण हैं.

  • ध्यान लगाने में समस्या आना, निर्णय क्षमता का प्रभावित होना और जल्द ही मानसिक थकान महसूस होना भी खराब मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों में आता है.

  • अचानक वजन बढ़ना या कम होना, अपच, कब्ज, लगातार सिरदर्द, शरीर में दर्द व अन्य शारीरिक समस्याएं भी खराब मानसिक स्वास्थ्य को दर्शाता है.

 

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