थायरॉयड एक तितली जैसी दिखने वाली ग्रंथि है जो गर्दन के सामने मौजूद होती है. यह दिखने में छोटी होती है लेकिन हमारे शरीर के कई अहम हॉर्मोन्स को नियंत्रित रखने का बड़ा काम करती है. थायरॉयड के हॉर्मोन्स आपकी ऊर्जा से लेकर आपके पाचन तंत्र, मूड और वज़न तक को प्रभावित करते हैं. सिर्फ यही नहीं, थायरॉयड बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी बहुत ज़रूरी है.
अगर आप या आपका कोई अज़ीज़ थायरॉयड सिंड्रोम से ग्रसित है तो हार्मोन्स का बैलेंस बनाए रखने के लिए जीवनशैली में बदलाव बहुत जरूरी हैं. अगर किसी व्यक्ति को थायरॉयड सिंड्रोम (हाइपोथायरॉयडिज्म या हाइपरथायरॉयडिज्म) है, तो वह अपनी दिनचर्या में कुछ स्वस्थ आदतें शामिल करके अपने थायरॉयड के स्तर को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकता है. नीचे पांच ऐसी आदतें दी गई हैं, जिन्हें अपनाकर थायरॉयड को बैलेंस करने में मदद मिल सकती है.
1. संतुलित और पोषक खाना लें
थायरॉयड के स्वास्थ्य के लिए सही खाना बहुत जरूरी है. आयोडीन, सेलेनियम और जिंक जैसे पोषक तत्व थायरॉयड हार्मोन बनाने में मदद करते हैं. आयोडीन के लिए आप अपनी डाइट में मछली शामिल कर सकते हैं. आयोडाइज्ड नमक (Iodised Salt) भी इसका एक अच्छा स्रोत है. लेकिन ज्यादा आयोडीन हाइपरथायरॉयडिज्म वालों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. सेलेनियम के लिए अंडे और सूरजमुखी के बीज खाना फायदेमंद है.
जिंक के लिए आप साबुत अनाज, नट्स, और बीन्स लें. हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, और प्रोटीन से भरपूर भोजन भी फायदेमंद हैं. प्रोसेस्ड फूड और कैफीन से बचें. हो सके तो चीनी खाना बंद कर दें. या अगर खाएं भी तो बहुत सीमित मात्रा में. ये चीज़ें थायरॉयड फंक्शन को प्रभावित कर सकती हैं. गोइट्रोजेनिक चीज़ें जैसे गोभी, ब्रोकली को पकाकर खाएं ताकि उनके थायरॉयड पर प्रभाव को कम किया जा सके.
2. नियमित व्यायाम करें
रोजाना 30-40 मिनट का व्यायाम थायरॉयड को बैलेंस करने के लिए फायदेमंद है. आप योग करें, वॉकिंग करें या हल्की एरोबिक एक्सरसाइज भी कर सकते हैं. ये एक्टिविटीज़ आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और हार्मोन संतुलन में मदद करती हैं.
योग में कुछ आसन, जैसे सर्वांगासन और मत्स्यासन, थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करने में मदद कर सकते हैं. व्यायाम तनाव को भी कम करता है जो थायरॉयड के लिए जरूरी है. हाइपरथायरॉयडिज्म वालों को ज्यादा तीव्र व्यायाम से बचना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
3. स्ट्रेस मैनेज करें
स्ट्रेस मैनेज करना थायरॉयड हार्मोन को बैलेंस करने के लिए बेहद ज़रूरी है, हालांकि अकसर यह नज़रंदाज़ हो जाता है. इसके लिए आप रोज़ाना 10-15 मिनट मेडिटेशन करें, प्राणायाम करें या माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करें. ये न केवल तनाव कम करते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं. इसके अलावा पेंटिंग, गार्डनिंग, या किताबें पढ़ने जैसी हॉबीज़ रखना भी तनाव कम करने के लिए बेहद ज़रूरी है. तनाव प्रबंधन से थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन और रिलीज सामान्य रहता है.
4. पूरी नींद लें
नींद की कमी थायरॉयड हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकती है. रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना जरूरी है. एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं. सोने से पहले स्क्रीन टाइम (मोबाइल, लैपटॉप) भी कम करें. फोन या लैपटॉप की रोशनी नींद की क्वालिटी को प्रभावित करती है. नींद मेटाबॉलिज्म और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
5. डॉक्टर से नियमित जांच करवाएं
थायरॉयड को प्रबंधित करने के लिए डॉक्टर की सलाह का पालन करना सबसे जरूरी है. दवाइयां समय पर लें और अपने थायरॉयड लेवल (TSH, T3, T4) की नियमित जांच करवाएं. डॉक्टर से खान-पान, वर्कआउट और जीवनशैली के बारे में व्यक्तिगत सलाह लें. हाइपोथायरॉयडिज्म और हाइपरथायरॉयडिज्म के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण की जरूरत हो सकती है. नियमित जांच से थायरॉयड के स्तर को मॉनिटर करने और उपचार को समायोजित करने में मदद मिलती है.
इन आदतों को अपनाने से थायरॉयड को संतुलित करने में मदद मिल सकती है, लेकिन हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है. इसलिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेते रहें ताकि यह सुनिश्चित हो कि कोई बदलाव आपकी स्थिति के लिए सही है या नहीं. स्वस्थ जीवनशैली और डॉक्टर के मार्गदर्शन के साथ, थायरॉयड को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है.