सरकारी दस्तावेजों में बुजुर्ग को बताया मृत, 11 साल तक खुद दर-दर भटकता रहा बुजुर्ग... अब मिला न्याय

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले से प्रशासनिक लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 80 वर्षीय बुजुर्ग को सरकारी रिकॉर्ड में 14 साल पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. कागजों में मृत बताए गए बुजुर्ग भूरा वास्तविक रूप से जीवित थे और पिछले 11 वर्षों से अपने जिंदा होने का प्रमाण शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को देते रहे.

जिंदा व्यक्ति को किया मृत घोषित
gnttv.com
  • पन्ना,
  • 22 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

पन्ना: मध्यप्रदेश के पन्ना जिले से प्रशासनिक लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 80 वर्षीय बुजुर्ग को सरकारी रिकॉर्ड में 14 साल पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. कागजों में मृत बताए गए बुजुर्ग भूरा वास्तविक रूप से जीवित थे और पिछले 11 वर्षों से अपने जिंदा होने का प्रमाण शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को देते रहे.

मामला, पन्ना जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत जनवार का है. यहां के रहने वाले भूरा आदिवासी को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित होने के बाद पटवारी और तहसीलदार स्तर पर फौती और नामांतरण की प्रक्रिया भी पूरी कर दी गई. इतना ही नहीं, बुजुर्ग की जमीन-जायदाद तक को बेच दिया गया. जिंदा होते हुए भी भूरा कागजों में 'मरा' रहा और न्याय के लिए दर-दर भटकता रहा.

पैरों में गिरकर अपनी व्यथा सुनाई
आखिरकार बुजुर्ग ने पन्ना के प्रभारी मंत्री के पैरों में गिरकर अपनी व्यथा सुनाई. मामला मंत्री के संज्ञान में आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और वर्षों पुरानी गलती का एहसास हुआ. इसके बाद जांच कराई गई, जिसमें बुजुर्ग के जीवित होने की पुष्टि हुई. करीब 11 साल की लंबी लड़ाई के बाद प्रशासन ने गलती सुधारते हुए बुजुर्ग को सरकारी रिकॉर्ड में पुनः 'जिंदा' घोषित किया और विक्रय की गई जमीन भी वापस दिलाई गई.

बेटों ने बेच डाली जमीन
भूरा आदिवासी को गावं के दबंगों ने परेशान किया, तो वह अपने गावं को छोड़कर कटनी चला गया. जहां वह रोजीरोटी कमाता रहा. इस बीच वह लम्बे समय तक गांव नहीं आया. उधर उसके बेटों रूपलाल ओर रामेश्वर के नाम पटवारी ने मौत दिखाकर उसकी जमीन खसरा का नामांतरण कर दिया. लेकिन जब भूरा अपने गाव लौटा तो उसके होस उड़ गए, वह सरकारी रिकॉर्ड मे  मर चूका था. वह ग्यारह साल तक अपने जिंदा होने का प्रमाण शासन प्रशासन और नेताओं को देता रहा.

मोहन सरकार के मंत्री और पन्ना जिले के प्रभारी मंत्री इन्दर सिंह परमार एक शासकीय कार्यक्रम में जब जनवार गए तो 80 साल का बृद्ध भूरा उनके पैरों में गिर गया और अपने जिंदा होने का सबूत देने लगा. तब शासन को अपनी गलती का एहसास हुआ. जिसके बाद आवश्यक कार्यवाही करते हुए उसकी विक्रय की गयी रजिस्ट्री को शून्य किया गया और 15 दिसम्बर 2025 को उसकी जमीन उसे लौटाने का आदेश पारित किया गया. इस दौरान बुजुर्ग की आंखें नम हो गईं.

गांव में बनना है मेडिकल कॉलेज
उन्होंने पत्रकारों और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आखिरकार उन्हें न्याय मिल गया. एसडीएम ने अब विभिन्न विभागों को पत्र भेज कर भूरा को शासकीय योजनाओं का लाभ दिए जाने का आदेश दिया हैं.

बताते चले की पन्ना से सटे ग्राम जनवार में मेडिकल कॉलेज बनाया जाना प्रस्तावित है. इसलिए इस ग्राम की जमीनों के दाम बढ़ गए हे. इस गावं मे मंत्री, नेता, और बड़े अधिकारीयों के परिजनों के नाम पर जमीने खरीदी जा चूकी हे. इसे मे भूरा की जमीन पर भी भू माफिया नजरें गड़ाए हुए थे.  

(रिपोर्टर: कमलजीत)

ये भी पढ़ें: 

Read more!

RECOMMENDED