अहमदाबाद में तलाक का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां प्याज और लहसुन खाने को लेकर एक दंपत्ति के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि शादी के 11 साल बाद ही मामला तलाक तक पहुंच गया. पत्नी बच्चे को साथ लेकर चली गई जिसकी वजह से पति ने अपनी पत्नी के खान-पान की पाबंदियों को असहनीय बताते हुए फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया. बाद में दंपत्ति ने इस मामले में गुजरात हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां अदालत ने तलाक को चुनौती देने वाली पत्नी की अपील खारिज कर दी.
वकील की दलील
पत्नी के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि पति ने फैमिली कोर्ट में दावा किया था कि पत्नी की धार्मिक मान्यताओं के कारण प्याज और लहसुन से परहेज करने की उसकी आदत झगड़े का कारण बन रही थी और वह अपने रुख पर अड़ी हुई थी. फैमिली कोर्ट ने पति के दावे को स्वीकार कर लिया और तलाक देने के साथ पति को भरण पोषण का आदेश दिया जिसका पालन नहीं हो रहा है. पति के वकील ने तर्क दिया कि उसका मुवक्किल और उसकी मां पत्नी के लिए बिना प्याज और लहसुन के खाना बनाते थे. प्याज और लहसुन का सेवन दोनों के बीच मतभेद का मुख्य कारण था. पति ने हाईकोर्ट को बताया कि उसे महिला पुलिस स्टेशन में भी आवेदन देना पड़ा था. हाईकोर्ट में एक बिंदु पर पत्नी ने कहा कि अब उसे तलाक से कोई आपत्ति नहीं है. पति ने हाईकोर्ट में जवाब दिया कि वह शेष भरण-पोषण राशि को किश्तों में अदालत की रजिस्ट्री में जमा करेगा, जो राशि उसकी पत्नी को दी जाएगी. जिसके बाद हाइकोर्ट ने पत्नी की तलाक की चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी.
(रिपोर्ट- बृजेश दोशी)
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